विक्रम झा (संवादाता) | कटिहार, बिहार
भरसिया गांव बाढ़ से प्रभावित है। भरसिया और गिरीयामा में लगभग दस से बारह बस्ती बाढ़ के चपेट में आ गई है | बिहार सरकार के द्वारा कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हो रहा है। ऐसे में बाढ़ पीड़ित जाए तो जाए कहाँ, बिहार सरकार द्वारा “राहत शिविर अभियान” चलाया तो जा रहा है लेकिन बाढ़ पीड़ित को सही से एक वक्त का समय पर खाना भी नहीं मिल रहा हैं। बाढ़ के 5 दिन हो गए।बाढ़ पीड़ितों से मिलने अब तक कोई नहीं आए। प्रखंड से कई पदाधिकारी आये और आश्वासन देकर चले गए। वही बांध टूटने पर प्रखंड के अधिकारी- रेखा कुमारी अंचल, अधिकारी रघुवंश कुमार एवं ग्रामीणों ने मिलकर बांध को बांधे और बाढ़ पीड़ितों के लिए छठे दिन शिवर में चीनी चुड़ा का इंतजाम किया गया। वही नन्हे बालको के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया है, भूख से बच्चें जमीन पर गिरे हुए दाने को चुन-चुन कर खाते नजर आ रहे हैं और कटोरे को देख रहे हैं। कौन सुने इन गरीब की जो सड़कों पर रहने को मजबूर हैं, न तो तंबू है न बिहार सरकार की कोई प्लास्टिक एक भगवान भरोसे बाढ़ पीड़ित के परिवार का जीवन यापन हो रहा है। वहीं ग्रामीण बताते हैं कि भरसिया के मुखिया-तल्लु मरांडी और उप-मुखिया फसी अहमद ने बाढ़ पीड़ितों को रात का भोजन मुढ़ी, चुड़ा दिए गए और गिरयामा स्कूलों में वार्ड नंबर 1 और 2 बगटु टोला वार्ड बाढ़ पीड़ित शिविर चलाया गया। सभी ग्रामीण सड़क पर जीवन यापन करने को मजबूर है।
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