पाकिस्तान के संघीय मंत्रिमंडल की मीटिंग में भारत से करतारपुर गलियारे जाने वाले श्रद्धालुओं को लेकर आवश्यक फैसले लिए गए हैं। अब उन्हें पासपोर्ट की जरूरत नहीं होगी, बल्कि सिर्फ एक वैध पहचान पत्र दिखाने की जरूरत होगी। पासपोर्ट की छूट केवल सिख श्रद्धालुओं के लिए है। उन्हें अब 10 दिन पहले से पंजीकरण भी नहीं कराना होगा।
उद्घाटन समारोह पर आने वाले और गुरू जी (सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी) की 550वीं जयंती पर पाकिस्तान जाने वाले श्रद्धालुओं से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। बता दें कि पाकिस्तान प्रशासन ने करतारपुर गलियारे जाने वाले श्रद्धालुओं से बीस डॉलर सेवा शुल्क वसूलने का फैसला लिया है। पाकिस्तान का अनुमान है कि उसे करतारपुर के श्रद्धालुओं से वार्षिक 3 करोड़ 65 लाख डॉलर की कमाई होगी।
समारोह में भारत से पाकिस्तान में तक़रीबन 2,000 भारतीय तीर्थयात्री पहुंचेंगे। हालांकि गलियारे के उद्घाटन के बाद भारत से प्रतिदिन 5,000 श्रद्धालु यहां आ सकेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी 9 नवंबर को करतारपुर गलियारे का उद्घाटन करेंगे और 12 नवंबर को होने वाले गुरु देव के 550वें जयंती समारोह के मौके पर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने वाले पहले सिख तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को रवाना करेंगे। यह सिख समुदाय के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है, जहां तीर्थयात्री पहले सिख गुरु के 550वीं जयंती को मनाने के लिए आ रहे हैं।