संसद और राष्टपति के हस्ताक्षर के बाद नागरिकता सशोधन बिल कानून बन चुका है लेकिन देश में इसका विरोध प्रदर्शन जारी है। कर्नाटक के मंगलूरू में 19 दिसंबर को इस कानून के खिलाफ लोग सड़कों पर उतरे थे। यह प्रदर्शन उग्र हो गया जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थे। राज्य के मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि वह मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देंगे। इसके अलावा हिंसा की जांच की जाएगी।

डिप्टी कमिश्नर सिंधु रुपेश को दिया आदेश
मामले की जांच की प्रकृति का निर्धारण गृह मंत्री बासवाराज बोम्माई के साथ बैठक के बाद होगा। मुख्यमंत्री ने डिप्टी कमिश्नर सिंधु रुपेश को आदेश दिया है कि वह पीड़ितों के परिवार को मुआवजा दें। वरिष्ठ पुलिस और जिला अधिकारी के साथ शनिवार को शहर की कानून और व्यवस्था का जायजा लेने के बाद उन्होंने कहा कि गुरुवार को जो हुआ उससे कोई खुश नहीं है।

पीड़ितों के परिवार के साथ येदियुरप्पा ने की बातचीत
येदियुरप्पा ने विभिन्न धार्मिक समुदायों के प्रतिनिधियों और पीड़ितों के परिवार के साथ बातचीत की। उन्होंने कहा कि बढ़ती भीड़ को रोकने के लिए पुलिस को गुरुवार को बल प्रयोग करने पर मजबूर होना पड़ा। भीड़ ने पुलिस स्टेशन को आग लगाने की कोशिश की। यदि प्रदर्शनकारी पुलिस के शस्त्रागार तक पहुंचने में कामयाब हो जाते तो वह तबाही मचा सकते थे। अपने बयान में मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की ताकि वे इस घटना के बाद आने वाली समस्याओं का पता लगा सकें। परिवार के साथ लगभग 30 मिनट बिताने के बाद येदियुरप्पा ने कहा यदि स्थिति में सुधार हुआ तो उन्हें घर प्रदान किया जाएगा। मंगलूरू में आज शाम छह बजे तक के लिए जिला प्रशासन ने कर्फ्यू में ढील दी है। हालांकि धारा 144 जारी रहेगी।

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