बुरहानपुर । नगर निगम महापौर आरक्षण प्रक्रिया पूरी होते ही समान्य महिला वर्ग से पद की दावेदारी लेकर अनेक नेत्रीयां सामने आई जिस से राजनैतिक माहौल गर्मा गया। कांग्रेस से दावेदारी करने वाली कुछ नेत्रीयां समान्य रूप से राजनीति में है तो कुछ ने अपने पति के राजनीति में होने से दावेदारी ठोंक कर सुर्खियों में आई चूंकी अभी मामाला गर्म है शीघ्र ही नगर निगम चुनाव की घोषणा होना है और इसी बीच कांग्रेस का महंगाई और किसान आंदोलन को लेकर उपवास धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम प्रदेश स्तर पर आयोजित किया गया। इसी कडी में जिला कांगे्रस कमेटी की ओर से स्थानीय गांधी चौक में कार्यक्रम आयोजित किया गया जिस में माहपौर की दावेदार नेत्रीयोंं में कुछ एक नेत्रीयां ने यहां पहुंच कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई शेष इस कार्यक्रम से नदारत रही जब कि दावेदार के रूप में 10 से अधिक नाम सामने आ चुके है। ऐसे में इस को लेकर नगर में चर्चा र्गम है। चुनावी माहौल और दावेदारी और जिस पार्टी से दावेदारी उसी के कार्यक्रम से नदारत रहना चर्चा का विषय बना हुआ है। कांग्रेस जहंा पहले ही गुटों में बटी पार्टी का लेबल लगा चुकी है ऐसे में इन दोवदारों की दावेदारी पर भी सवाल खडे करती है। शनिवार को कांग्रेस का उपवास धरना प्रदर्शन में भी नेता दो गुटों में साफ बटे नजर आऐ, वहीं नवर्निवाचित युवक कांग्रेस के पदाधिकारी और उनकी फौज भी कांग्रेस के इस कार्यक्रम से नदारत रही भला ऐसे में फिर एक बार नगरीय निकाय चुनाव का सामना कांग्रेस किस प्रकार कर पोऐगी। जब कि कांग्रेस आला कमान की नीति कांग्रेस संगठन को मजबूत करना और भाजपा का डटकर सामना करना है। कांग्रेस यदि अब भी गुटों में बटी रही तो नगरीय निकाय की सीट भी उसके हाथों से खिसकने में देर नही लगेगी। कांग्रेस का भला इस में है कि सभी पार्टी के लिए सभी मतभेद और मनभेद को भुलाकर एक जाज़म पर बैठ कर चुनाव लडे तो उसकी ताकत बढेगी और भाजपा का मुकाबला आसान होगा। वहीं महापौर के लिए दावा करने वाली नेत्रीयों को भी स्वंय मैदान में उतर कर मैदान का दामन थामना होगा तब ही उनकी और कांग्रेस की जीत होगी।