मदरलैंड संवाददाता सुपौल।

एंकर :सुपौल में कोरोना मामले में कागज पर भले ही सबकुछ टनाटन हो, लेकिन सरजमीन पर स्थिति कुछ और ही है। लॉक डाउन में सोशल डिस्टेंस की पूछिए ही मत। यह दृश्य देखने के बाद आप खुद व खुद सबकुछ समझ जाएंगे। यहां प्रशासनिक सख्ती के साथ ही जागरूकता की अभी और आवश्यकता है। ठेंगे पर है सोशल डिस्टेंस । बड़ा सवाल है कि ऐसे में हम कोरोना से कैसे लडेंगे?ऊपरवाला ना करे कि किसी का कुछ भी हो लेकिन जिला कार्यालय के ठीक पीछे आरएसएम पब्लिक स्कूल के आगे जो नजारा देखने को मिला, हम तो यही कहेंगे कि ऐसी स्थिति में संकट और भयावह होने से इनकार नहीं किया जा सकता है जरा सोचिए आपको अगर कुछ होगा तो फिर आपके परिजनों का क्या होगा? हम तो यही कहेंगे कि अपने घरों में सुरक्षित रहिए, सरकारी व प्रशासनिक निर्देशों का पालन कीजिए, इस तरह सामान के लिए मारामारी मत कीजिए, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कोरोना को हराने में अपनी भूमिका निभाइए।
निश्चित तौर पर यहां प्रशासनिक विफलता व लापरवाही के कारण भेड़ियाधसान की स्थिति रहती है। जो कि काफी दुखद व चिंतनीय है। लोगबाग कहते हैं कि यहां कागज पर सबकुछ भले ही फिटफाट हो, लेकिन सरजमीं पर स्थिति कुछ और ही बयां करती है।

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