काबुल। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद भाग रहे हजारों हताश लोगों को निशाना बनाकर किए गए दो आत्मघाती बम धमाकों के बाद काबुल से निकासी उड़ानें शुक्रवार को फिर से शुरू हो गईं। अमेरिका का कहना है कि देश के सबसे लंबे युद्ध को समाप्त करने के लिए विदेशी सैनिकों की वापसी की मंगलवार की समय सीमा से पहले और हमले की आशंका है। काबुल के निवासियों ने बताया कि शुक्रवार सुबह से कई विमान उड़ान भर चुके हैं।
अफगान और अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि अगस्त 2011 के बाद से अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के लिए सबसे घातक दिन में, काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास बृहस्पतिवार के बम धमाकों में कम से कम 60 अफगान और 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए।भावुक भाषण में,अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस्लामिक स्टेट समूह के अफगानिस्तान में संबद्ध संगठन को दोषी ठहराया, जो तालिबान की तुलना में कहीं अधिक कट्टरपंथी है।बाइडन ने कहा,हम अमेरिकियों को सुरक्षित निकलाने में जुटे हैं, हम अपने अफगान सहयोगियों को बाहर निकालने में लगे हैं, हमारा अभियान जारी रहेगा। लेकिन मंगलवार की समय-सीमा बढ़ाने के अत्यधिक दबाव के बावजूद उन्होंने अपनी योजना पर कायम रहने के पीछे आतंकवादी हमलों को कारण बताया।
अमेरिकी आक्रमण में बेदखल होने के दो दशक बाद अफगानिस्तान को फिर से नियंत्रण में लेने वाले तालिबान ने समय सीमा कायम रखने पर जोर दिया। फरवरी 2020 में ट्रंप प्रशासन ने तालिबान के साथ एक समझौता किया जिसमें मई तक सभी अमेरिकी सैनिकों और संविदाकारों को हटाने के बदले में अमेरिकियों पर हमलों को रोकने के लिए कहा गया था। बाइडन ने अप्रैल में घोषणा की कि वह उन्हें सितंबर तक हटा लेगा। अमेरिका ने कहा कि काबुल से 1,00,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला है, वहीं 1,000 अमेरिकी और दसियों हज़ार से अधिक अफगान इतिहास के सबसे बड़े एयरलिफ्ट में से एक में खुद को बाहर निकाले जाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। निकासी अभियान की निगरानी कर रही अमेरिकी केंद्रीय कमान के प्रमुख जनरल फ्रैंक मैकेन्जी ने कहा था कि करीब 5,000 लोग हवाई अड्डे पर विमानों का इंतजार कर रहे हैं।

Previous articleबिहार में पुलिस वाले सब्जीवाले की पिटाई कर ठेला पलटा दिया
Next articleअमेरिकी राष्ट्रपति और इजराइली प्रधानमंत्री की आमने-सामने होगी बैठक

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here