वॉशिंगटन। अफगानिस्तान में दो दशक तक चले अमेरिकी सैन्य अभियान का पटाक्षेप 31 अगस्त को हो गया। अमेरिका के कई हाईटेक हथियार छोड़े जाने की खबरों के बीच सैन्य अधिकारी ने जानकारी दी कि सैनिकों ने एयरपोर्ट पर मौजूद तमाम हवाई जहाज, हथियारों से लैस वाहन और रॉकेट डिफेंस सिस्टम को निष्क्रिय कर दिया है। अधिकारी का कहना है कि अब कोई भी इनका ‘इस्तेमाल’ नहीं कर पाएगा। सेंट्रल कमांड के प्रमुख जनकल कैनेथ मैकेंजी ने बताया कि हामिद करजई एयरपोर्ट पर मौजूद 73 विमानों को सेना से बाहर या बेकार कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सेना ने बीते दो हफ्तों से लोगों को निकालने की प्रक्रिया के अंतिम दौर में यह कार्रवाई की। मैकेंजी ने बताया, ‘वे विमान दोबारा उड़ नहीं पाएंगे… वे किसी के भी हाथों संचालित नहीं हो सकेंगे।’
उन्होंने कहा कि पेंटागन अपने पीछे करीब 70 बख्तरबंद वाहन छोड़कर आया है। इनमें प्रत्येक की कीमत 1 मिलियन डॉलर तक हो सकती है। इन्हें और 27 हम्वीज को निष्क्रिय किया गया है। अमेरिकी सेना ने 14 अगस्त से ही काबुल एयरपोर्ट पर लोगों को निकालने के लिए ऑपरेशन शुरू किया था। इस दौरान अफगानिस्तान में काम कर रहे अमेरिकी नागरिकों समेत कई अफगानों को एयरलिफ्ट किया गया था। अधिकारी ने कहा, ‘ये वाहन किसी की भी तरफ से दोबारा इस्तेमाल नहीं किए जा सकेंगे।’ अमेरिका ने काउंटर रॉकेट, आर्टिलरी और मोर्टार (सी-रेम सिस्टम) को भी छोड़ दिया है। इनका इस्तेमाल एयरपोर्ट को रॉकेट से बचाने के लिए किया जाता था। सोमवार को इस्लामिक स्टेट की तरफ से दागे गए रॉकेट को रोकने में भी इन सिस्टम ने अहम भूमिका निभाई थी। मैकेंजी ने बताया, ‘हमने आखिरी अमेरिकी विमान के उड़ान भरने से पहले आखिरी क्षण तक इन सिस्टम का उपयोग किया।’