काबुल। अमेरिका ने काबुल हवाई अड्डे पर तैनात अपने सैनिकों की वापसी प्रक्रिया को शुरू कर दिया है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने बताया कि वॉशिंगटन ने अपने सहयोगी देशों से बात करने के बाद यह कदम उठाया है। पिछले दो हफ्तों से अमेरिका ने अफगानिस्तान से लगभग एक लाख लोगों को बाहर निकाला है। इसके साथ ही पिछले 20 सालों से अफगानिस्तान में जारी अमेरिका की जंग भी अब समाप्ति की ओर बढ़ गई है। गुरुवार को काबुल में विस्फोट के जवाब में आईएसआईएस-के आतंकियों पर अमेरिकी सैनिकों की कार्रवाई के बाद और हमलों का खुफिया इनपुट मिला है। अमेरिकी सेना ने अब काबुल हवाई अड्डे के मुख्य गेटों की सुरक्षा की जिम्मेदारी तालिबान को सौंप दी है।
इसके बाद तालिबान ने एयरपोर्ट के पूरे इलाके को सील कर दिया है। शनिवार तड़के अमेरिका ने बदले की कार्रवाई करते हुए नांगरहार प्रांत में आईएसआईएस-के के दो टॉप कमांडरों को मार गिराया। अमेरिकी अधिकारियों ने काबुल में और भी आतंकी हमलों की चेतावनी दी है। इसके बावजूद तालिबान के चंगुल से निकलने के लिए एयरपोर्ट के आसपास हजारों लोगों की भीड़ जुट रही है, लेकिन अब इनपर काबू पा लिया गया है।
काबुल हवाई अड्डे पर शनिवार को 4000 से भी कम अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं। काबुल से लोगों को निकालने के बीच के समय में 5800 अमेरिकी सैनिक वहां तैनात थे। ह्वाइट हाउस ने कहा अगले कुछ दिन निकासी अभियान के लिहाज से सबसे खतरनाक होने वाले हैं। अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने पिछले दो हफ्तों में लगभग 111,900 लोगों को अफगानिस्तान से बाहर निकाला है।
जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा तालिबान बलों ने हवाई अड्डे के भीतर कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया है और वह शांतिपूर्वक नियंत्रण करने के लिए तैयार हैं, क्योंकि अमेरिकी सेना बाहर निकल रही है। तालिबान ने दो दिन पहले हुए आत्मघाती हमले के बाद बड़ी संख्या में लोगों को इकट्ठा होने से रोकने के लिए शनिवार को काबुल हवाई अड्डे के आसपास अतिरिक्त बलों को तैनात किया।
तालिबान ने हवाई अड्डे की ओर जाने वाली सड़कों पर अतिरिक्त जांच चौकियां बनाई है जिनमें तालिबान के वर्दीधारी लड़ाके तैनात हैं। तालिबान के अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा जमाने के बाद देश से भागने की उम्मीद में पिछले दो हफ्तों में जिन इलाकों में लोगों की बड़ी भीड़ एकत्र हुई थी, वे अब काफी हद तक खाली हैं। कई पश्चिमी देशों ने सभी अमेरिकी बलों की वापसी के लिए मंगलवार की समय सीमा से पहले लोगों को अफगानिस्तान से निकालने के अपने अभियान को पूरा कर लिया है। अमेरिकी सेना के लिए अनुवादक के रूप में काम करने वाले एक अफगान ने कहा कि वह उन लोगों के समूह के साथ था, जिन्हें जाने की अनुमति थी और जिन्होंने शुक्रवार देर रात हवाई अड्डे पर पहुंचने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि तीन चौकियों से गुजरने के बाद उन्हें चौथी पर रोका गया था। उन्होंने कहा कि तालिबान ने उन लोगों से कहा कि उन्हें अमेरिकियों ने कहा था कि वे केवल अमेरिकी पासपोर्ट धारकों को ही जाने दें।