नई दिल्ली। अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए एक बार फिर वायुसेना के सी-17 विमान को काबुल भेजा जा सकता है। इसके लिए भारतीय अधिकारी अमेरिका के संपर्क में हैं। फिलहाल काबुल एयरपोर्ट का नियंत्रण अमेरिका के पास है। सूत्रों के मुताबिक ऐसे संकेत है कि अगले 72 घंटे में काबुल एयरपोर्ट पर यात्री विमानों की भी आवाजाही शुरू हो सकती है। संभव है कि नागरिक उड़ानों की बहाली से पहले आज भारत काबुल एयरपोर्ट पर मौजूद अपने नागरिकों और वीजा धारकों को सुरक्षित निकालने के लिए विशेष विमान भेजे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कहा है कि भारत सरकार अफगानिस्तान के हालात पर पूरा नजर बनाए हुए है और वहां से भारतीयों को निकालना सरकार की पहली प्राथमिकता है। तालिबान का लेकर अफगानिस्तान में खौफ का माहौल बना है। काबुल पर कब्जे के बाद शांति की बात करने वाला तालिबान दो दिन में ही अपने पुराने तौर तरीकों पर लौट आया है। महिलाओं पर जुल्म हो रहे हैं, उन्हें सरेआम कोड़ों से पीटा जा रहा है, विरोध करने वालों को गोली मारी जा रही है। इस बीच तालिबान अफगानिस्तान पर राज करने के लिए लगातार रणनीति बनाने में जुटा है। तालिबान के करीबी सूत्र बता रहे हैं कि तालिबान अफगानिसतान पर शासन के लिए एक काउंसिल का गठन कर सकता है जिसका प्रमुख तालिबानी का सुप्रीम लीडर हिब्तुल्लाह अखुंदजादा होगा। इसके साथ ही ये भी खबर है कि तालिबान अफगानी सेना के पूर्व पायलटों और सैनिकों को दोबारा सेना में भर्ती करेगा। उधर तालिबान पर लगाम कसने के लिए अमेरिका के बाद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अफगानिस्तान सरकार के चार दशमलव छह अरब डॉलर के रिजर्व को ब्लॉक करने का एलान किया है, इससे पहले अमेरिका में बाइडेन सरकार ने अफगानिस्तान का नौ दशमलब पांच अरब डॉलर का रिजर्व फ्रीज कर दिया था।

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