नई दिल्ली। कालका-शिमला टॉय ट्रेन में रेलवे मंत्रालय इस लाइन पर विस्टाडोम कोच चलाने की तैयारी कर रहा है। पारदर्शी विस्टाडोम कोच से पर्यटक प्रकृति को करीब से निहार सकेंगे। इसके लिए 30 कोच तैयार कराए जाएंगे। रेलवे मंत्रालय ने निर्माण की संभावित डेडलाइन भी तय कर दी है। दिसंबर 2021 तक इन कोचों को तैयार करना है, जिससे अगले साल शुरू में इन कोचों पर सफर किया जा सके।
रेलवे मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, कालका-शिमला टॉय ट्रेन का सफर और आकर्षक करने के लिए विस्टाडोम कोच लगाने की तैयारी की जा रही है। मौजूदा समय विस्टाडोम कोच अहमदाबाद से केवडिया के बीच चलने वाली जनशताब्दी एक्सप्रेस में लगाया गया है। यह कोच पर्यटकों के लिए खास आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। इसी को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। रेलवे मंत्रालय 30 विस्टाडोम कोच तैयार कराएगा। ये सभी कपूरथला रेल फैक्ट्री में तैयार किए जाएंगे। हालांकि, पूर्व में बना विस्टाडोम कोच आईसीएफ चेन्नई में तैयार कराया गया था। ये कोच एलएचबी (लिंके हॉफमैन बुश) होंगे। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, चूंकि ये टॉय ट्रेन है, इसलिए इसमें सीटों की संख्या कम रखी जाएगी। संभावना है कि प्रत्येक कोच में 24 से 30 सीटें होंगी। ट्रेन शिमला-कालका के बीच चलेगी और वहां पर गर्मी नहीं पड़ती है, इसलिए ये कोच नॉन एसी बनाए जाएंगे। इसकी सीटें सुविधाजनक, अतिरिक्त जगह और 180 डिग्री में घूमने वाली होंगी। यानी ट्रेन जिस दिशा में चलेगी, सीट उसी दिशा में घुमाई जा सकती हैं। इसके साथ ही इसकी स्पीड भी बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। मौजूदा टॉय ट्रेन 22 किमी। की स्पीड से दौड़नी है, लेकिन विस्टाडोम कोच की स्पीड और बढ़ाई जा सकती है।














