मदरलैंड संवाददाता,
सीवान ।बड़हरिया पुलिस ने सोमवार को एमओ कैसर जमाल के आवेदन के आधार पर बड़हरिया थाना कांड संख्या-124/20 के तहत गरीबों के मुंह से निवाला छीनने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर तीन लोगों को जेल भेज दिया।एमओ कैसर जमाल द्वारा मामले की जांच पड़ताल कर कार्रवाई की गई।विदित हो कि बड़हरिया प्रखंड की सदरपुर पंचायत के सदरपुर गांव में जनवितरण प्रणाली के दुकानदार प्रभुनाथ सिंह द्वारा अनुदानित पीडीएस का 153 बोरा चावल और 5 बोरा गेहूं को सरेआम कालाबाजारी के लिए खरीददार और बड़हरिया थाना क्षेत्र के तिलसंडी गांव के निवासी सुलेमान मियां के पुत्र आलम के हाथों बेचने की तमाम तैयारियां कर ली गयीं थीं। खाद्यान्नों से भरा पिकअप अपने गंतव्य की ओर जाने ही वाला था कि पुलिस ने कालाबाजारियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया। गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने ऐन वक्त पर पहुंचकर खाद्यान्न से लदे पिकअप को जब्त कर लिया। वहीं मौके पर रंगे हाथों तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। बहरहाल, खाद्यान्न कालाबाजारी के मामले में एमओ कैसर जमाल के आवेदन के आधार पर पुलिस ने डीलर प्रभुनाथ सिंह,खरीदार आलम और ड्राइवर पुण्यदेव सिंह के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955 की धारा-7 के तहत मामला दर्ज कर लिया।उसके बाद पुलिस ने तीनों नामजद अभियुक्तों डीलर प्रभुनाथ सिंह,खरीदार आलम और ड्राइवर पुण्यदेव सिंह को सोमवार को जेल भेज दिया।पुलिस ने कालाबाजारी मामले में प्रयुक्त पिकअप को अपने कब्जे में ले लिया है। साथ ही,एमओ कैसर जमाल ने डीलर प्रभुनाथ सिंह के पीडीएस गोदाम की तमाम सामग्रियों और पिकअप पर बरामद खाद्यान्न को अपने कब्जे में लेकर पड़ोस के रानीपुर के डीलर महाजन प्रसाद के हवाले कर दिया,ताकि लाभुकों के बीच खाद्यान्नों का वितरण से हो सके।इस पूरे मामले में बीडीओ अशोक कुमार ने सक्रिय भूमिका निभायी थी। लोगों का मानना है कि बीडीओ अशोक कुमार की सख्ती के कारण कालाबाजारी में संलिप्त लोगों को सलाखों के पीछे जाना पड़ा है। बीडीओ ने बताया कि गरीबों और जरुरतमंदों के मुंह से निवाले छीनने वालों को बक्शा नहीं जा सकता है। ये समाज और देश के दुश्मन हैं।