मदरलैंड संवाददाता,
अररिया – जिले में सरकारी अनाज की कालाबाजारी रुकने का नाम नहीं ले रहा है। खास कर लॉक डाउन के दौरान गरीबों के बीच बांटने के लिए दिये गये अनाज की कालाबाजारी की खबरें अक्सर आती रहती है। रानीगंज के गुणवंती का मामला थमा भी नहीं था कि जिला मुख्यालय से महज आठ किलोमीटर दूर दियारी में ऐसा ही एक मामला सामने आया।
अररिया प्रखंड क्षेत्र के दियारी पंचायत के वार्ड संख्या छह की पीडीएस दुकानदार बीबी मुस्तकीमा उर्फ मुसिया पति मो. युसुफ गरीबों के हक का अनाज ट्रैक्टर पर लाद कर कालाबाजारी में बेचने जा रहे थे जिसे ट्रैक्टर सहित ग्रामीणों ने नजीर चौक प्राथमिक विद्यालय केवट टोला के पास गुरुवार की देर शाम पकड़ लिया। मिली जानकारी के अनुसार डीलर एक ट्रैक्टर पर पीडीएस के अनाज के ऊपर मकई का बोरा से ढक कर ले जाया जा रहा था। इसकी जानकारी लोगो को हुवी तो लोगो ने मिलकर उसे कब्जे में ले लिया। अनाज पकड़े जाने के बाद ग्रामीणों ने इसकी सूचना फोन से डीएम,एसडीओ व नगर थाना पुलिस को दी। सूचना के बाद पुलिस स्थल पर पहुंचकर ट्रैक्टर व अनाज को कब्जे में ले लिया। इधर नगर थानेदार किंग कुंदन ने बताया कि दियारी से पीडीएस अनाज के कालाबाजारी की सूचना मिली थी। इसके बाद अनाज व ट्रेक्टर को जब्त कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया इसकी जानकारी व आगे की कार्रवाई के लिए एडीओ दी गयी है। इस मामले में दियारी के मो. नजीर ने प्राथमिकी के लिए थाना में आवेदन भी दिया है ।
दो सप्ताह पूर्व ग्रामीणों ने की थी शिकायत, नहीं हुई कार्रवाई: दियारी वार्ड छह के लाभुकों ने बताया कि लगभग दो सप्ताह पूर्व भी डीलर मुस्तकीमा के खिलाफ अनाज कम देने, लाभुकों के साथ अभ्रद व्यवहार करने, कालाबाजारी करने सहित अन्य आरोप लगाते हुए डीएम, एसडीओ, बीडीओ से शिकायत की थी। लेकिन अब तक अधिकारियों के स्तर से कोई कार्रवाई नहीं हुवी। ग्रामीणों ने कहा कि शिकायत पर प्रखंड कृषि पदाधिकारी जांच करने पहुंचे थे। उन्होंने डीलर की गलती भी पाया और कार्रवाई का भरोसा भी दिया था। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद ग्रामीणों ने बीडीओ को वाट्सएप पर शिकायत भेजकर कार्रवाई की मांग की थी लेकिन वहां भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी। फिर 22 अप्रैल को लगभग छह दर्जन लाभुकों ने एसडीओ व डीएम को लिखित आवेदन दिया था लेकिन उनके स्तर से भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब जब कालाबाजारी का अनाज ग्रामीणों ने खुद पकड़कर पुलिस के हवाले किया है तब भी ग्रामीण असमंजस में है कि कहीं पहले की ही तरह इस मामले को भी दबा तो नहीं दिया जायेगा ।