नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले दो महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शनकर रहे किसानों ने 26 जनवरी को दिल्ली की सड़कों पर शांतिपूर्ण तरीके से ट्रैक्टर परेड निकालने का वादा किया था, मगर यह वादा खोखला साबित हुआ। दिल्ली में दिनभर चारों तरफ बवाल और झड़पें होती रहीं। गणतंत्र दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली में ऐसा उत्पात मचेगा, इसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। मगर हकीकत तो यही है कि 26 जनवरी को दिल्ली में प्रदर्शनकारी किसानों ने ऐसा बवाल काटा, जिसकी गूंज काफी समय तक सुनाई देगी। ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा में 86 पुलिसकर्मी समेत 100 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। हालांकि, अब इस मामले में पुलिस ने एक्शन लिया है और अब तक 15 एफआईआर दर्ज की हैं। माना जा रहा है कि अभी और एफआईआर दर्ज की जाएंगी। दिल्ली की सीमाओं मसलन सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर से शुरू हुआ ट्रैक्टर परेड हिंसा, झड़प और बवाल के बीच लालकिला पर पहुंचकर खत्म हुआ। आईटीओ में कल किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के संबंध में आईपी पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। अज्ञात प्रदर्शनकारियों समेत उस किसान के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है, जिसकी ट्रैक्टर की चपेट में आने के बाद मौत हो गई थी: दिल्ली पुलिस गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान की घटना को देखते हुए लाल किले पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने कहा कि 26 जनवरी किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के संबंध में 15 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। अब तक ईस्टर्न रेंज में 5 एफआईआर दर्ज की गई हैं। 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान बवाल और हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ट्रैक्टर मार्च के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर पुलिस ने अब तक कुल 15 एफआईआर दर्ज कर ली हैं। पुलिस का मानना है कि एफआईआर की संख्या में अभी और बढ़ोतरी हो सकती है। गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में बवाल के बाद गृह मंत्रालय हरकत में आया और उसने सबसे पहले स्थिति का जायजा लिया और दिल्ली-एनसीआर के कुछ इलाकों में इंटरनेट बंद करवाया। दूरसंचार विभाग के मुताबिक, संचार सेवा कंपनियों को भेजे गए एक सरकारी आदेश में गणतंत्र दिवस के दिन सिंघू, गाजीपुर, टीकरी, मुकरबा चौक और नांगलोई तथा उनसे लगे दिल्ली के इलाकों में दोपहर 12 बजे से रात 11 बज कर 59 मिनट तक इंटरनेट सेवा अस्थायी तौर पर स्थगित करने का निर्देश दिया गया है। हालांकि, अब भी कुछ इलाकों में इंटरनेट सेवा बैन है। ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा में 83 पुलिसकर्मियों सहित 100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं और 25 वाहनों में तोड़फोड़ की गई। ट्रैक्टर परेड के दौरान किसानों ने 88 बैरिकेड्स तोड़े, चार क्रेन, डीटीसी की आठ बस और 17 निजी वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। इतना ही नहीं, लाल किला हिंसा मामले में भी कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। यहां पर किसान आंदोलनकारियों ने दिल्ली पुलिस के वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया। फिर जबरन लाल किला के अंदर घुस गये और प्रवेश द्वार पर लगे स्कैनर और मेटल डिटेक्टर आदि को तोड़ दिया। इस दौरान उन्होंने सामने आने वाली सभी वस्तुओं को नष्ट कर दिया। आलम यह था कि किसानों से बचने के लिए पुलिसकर्मी किले की दीवार से सटी बीस फीट गहरी खाई में कूद गए। इसकी वजह से कई पुलिसकर्मियों के हाथ पैर टूटे हैं। किसानों की ट्रैक्टर रैली के लिए दिल्ली पुलिस ने पहले से ही रूट निर्धारित किए थे। किसान संगठनों ने भी पुलिस की इन शर्तों को मंजूर किया था, मगर गणतंत्र दिवस की सुबह से ही ट्रैक्टर परेड की तस्वीर बदलती गई। प्रदर्शनकारी किसानों ने रूट को फॉलो नहीं किया और जगह-जगह बैरिकेड्स को तोड़कर आगे बढ़ते गए। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए जहां-जहां डीटीसी की बसें थी, ट्रैक्टर से प्रदर्शनकारी किसानों ने उसे तोड़ो और धक्का देकर हटा दिया। प्रदर्शनकारी किसानों ने जमकर तोड़फोड़ की और बवाल काटा।

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