गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली में हिंसा के बाद किसान संगठनों पर आंदोलन खत्म करने का चौतरफा दबाव बढ़ गया है।

नई दिल्ली । कुछ संगठनों ने आंदोलन खत्म करने का ऐलान भी कर दिया है तो गाजीपुर और सिंघु बॉर्डर पर जिस तरह सुरक्षाकर्मियों की तैनाती बढ़ाई जा रही है, उससे संकेत माना जा रहा है कि सरकार आंदोलन को जारी नहीं रहने देना चाहती। इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने किसानों के समर्थन किया है। राहुल गांधी ने शाम ट्विटर पर कहा, यह साइड चुनने का साइड चुनने का समय है। मेरा फैसला साफ है। मैं लोकतंत्र के साथ हूं, मैं किसानों और उनके शांतिपूर्ण आंदोलन के साथ हूं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने आरोप लगाया कि किसानों को धमकाया जा रहा है और जो लोग अन्नदाताओं को तोड़ना चाहते हैं वे देशद्रोही हैं। उन्होंने ट्वीट किया, कल आधी रात में लाठी से किसान आंदोलन को ख़त्म करने की कोशिश की गई।

आज गाजीपुर, सिंघू बॉर्डर पर किसानों को धमकाया जा रहा है

यह लोकतंत्र के हर नियम के विपरीत है। कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने कहा, कांग्रेस किसानों के साथ इस संघर्ष में खड़ी रहेगी। किसान देश का हित हैं। जो उन्हें तोड़ना चाहते हैं- वे देशद्रोही हैं। उन्होंने यह भी कहा, ”हिंसक तत्वों पर सख्त कार्रवाई की जाए लेकिन जो किसान शांति से महीनो से संघर्ष कर रहे हैं, उनके साथ देश की जनता की पूरी शक्ति खड़ी है। गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर शहर में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के संबंध में दर्ज प्राथमिकी में नामजद किसान नेताओं के विरुद्ध बृहस्पतिवार को ‘लुक आउट नोटिस जारी किया। इसके साथ ही अपनी जांच तेज करते हुए पुलिस ने लाल किले पर हुई हिंसा के संबंध में राजद्रोह का मामला भी दर्ज किया है। पुलिस ने किसान नेताओं को तीन दिनों का समय देते हुए यह बताने को कहा है कि क्यों नहीं उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए क्योंकि उन्होंने परेड के लिए तय शर्तों का पालन नहीं किया।

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