मुजफ्फरनगर। तीन केन्द्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ देश की राजधानी दिल्ली के चारों ओर सीमा पर बीते नौ माह से अधिक समय से डटे किसानों ने रविवार को यहां महापंचायत की। महापंचायत में उमड़ी भीड़ से उत्साहित किसान नेताओं ने एक बार फिर तीनों कृषि कानून वापस लेने की पुरजोर मांग की। साथ ही ऐलान किया कि आगामी 27 सितम्बर को भारत बंद रहेगा। इसके अलावा किसान नेताओं ने केन्द्र की मोदी और उप्र की योगी सरकार पर जमकर हमला बोला। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार का झुकाने के लिए उसे वोट की चोट देना जरुरी है। यह भी कहा गया कि ऐसी ही पंचायतें देश के लगभग सभी प्रदेशों में आयोजित की जायेंगी।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के जीआईसी मैदान में किसान महापंचायत हुई। महापंचायत को दर्जनों किसान नेताओं ने सम्बोधित किया। महापंचायत को सम्बोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मंच से कहा कि अब हमें देश बिकने से बचाना है। उन्होंने कहा कि सरकार बात करने के लिए तैयार नहीं है। सरकार ने बात करनी बंद कर दी है। सिर्फ मिशन यूपी नहीं, देश बचाना है। हम सिर्फ किसानों के मुद्दे नहीं उठा रहे हैं, देश में जहां-जहां गलत हो रहा है उन्हें हम सामने रख रहे हैं। देश में संस्थाएं बेची जा रही हैं। सरकारी कर्मचारियों की पेंशन खत्म कर दी गई। बड़े लोग पैसे लेकर भाग रहे हैं। बिजली को प्राइवेट किया जा रहा है। सरकार एलआईसी को बेच रही है। देश का संविधान खतरे में है, इसे बचाना है। टिकैत ने कहा कि सरकार को झुकाने के लिए वोट की चोट जरूरी है।
टिकैत ने कहा कि जब भारत सरकार हमें बातचीत के लिए आमंत्रित करेगी, हम जाएंगे। जब तक सरकार हमारी मांगें पूरी नहीं होंगी तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि आजादी के लिए 90 साल तक संघर्ष चला था, इसलिए मुझे नहीं पता कि यह आंदोलन कब तक चलेगा। महापंचायत में वक्ताओं ने ऐलान किया कि अब यूपी संयुक्त किसान मोर्चे का गठन होगा। महापंचायत के मंच से सरकार विरोधी नारे लगाए गए हैं। इस दौरान किसान नेताओं ने कहा कि आगामी यूपी और उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी को उखाड़ फेंकना है। साथ ही किसान मोर्चा ने ऐलान किया है कि अब 25 नहीं बल्कि 27 सितंबर को भारत बंद होगा। इस दौरान सबकुछ बंद रहेगा। इससे पहले 25 को भारत बंद का आह्वान किया गया था।
महापंचायत में सैकड़ों की संख्या में महिलाएं भी आईं हैं। यहां आईं महिलाओं ने भी केंद्र सरकार से तीनों कानूनों की वापसी की मांग की है। इस बीच किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि यूपी पुलिस मुजफ्फरनगर की ओर जानें से बसों को रोक रही है। इस महापंचायत में देशभर के 300 से ज्यादा सक्रिय संगठन शामिल हुए। महापंचायत को लेकर यहां सुरक्षा व्यवस्था सख्त की गई थी। जीआईसी मैदान के मंच से लेकर पार्किंग तक की व्यवस्था एसकेएम और बीकेयू के वालंटियर देख रहे हैं। पहचान के लिए वालंटियर्स को आईडी कार्ड दिए गए हैं। वहीं पुलिसबल किसानों की जिले और शहर में सुरक्षित एंट्री और उनके समुशल प्रस्थान तक पूरी व्यवस्था पर नजर रखे हुए हैं।

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