मुलताई । किसान संघर्ष समिति द्वारा तीन किसान विरोधी कानूनों को रद्द कराने की मांग को लेकर तीसरे दिन किसान स्तंभ पर धरना दिया गया। सभा को संबोधित करते हुए किसान संघर्ष समिति के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने कहा कि सरकार कह रही है कि कृषि कानूनों को रद्द कराने के अलावा कोई और बात करें। पिछली सात वार्ताओं में किसानों ने सभी कृषि उत्पादों की लागत से डेढ़ गुना दाम पर खरीद की कानूनी गारंटी देने की बात की लेकिन, सरकार उसके लिए भी तैयार नहीं है। इधर किसान विरोधी कानून रद्द करो यात्रा पांचवे दिन 10 गांवों में पहुंची। धरना स्थल से डॉ सुनीलम ने कहा कि दिल्ली में दस हजार ट्रैक्टरों के साथ किसानों ने रैली निकालकर यह संदेश दिया है कि 26 जनवरी को लाखों ट्रैक्टरों के साथ किसानों द्वारा देशभर में परेड निकाली जाएगी। डॉ सुनीलम ने कहा कि किसानों का संघर्ष देश को बचाने का संघर्ष है। एक बार हम ईस्ट इंडिया कंपनी के गुलाम हुए थे दूसरी बार हम देश को कारपोरेट के गुलाम नहीं होने देंगे। किसान संघर्ष समिति की उपाध्यक्ष एड. आराधना भार्गव, लक्ष्मण बोरबन, कैलाश डोंगरदिऐ, हेमराज देशमुख, राधे कसारे के नेतृत्व में हथनापुर, सावंगा, चिचंडा, मोरखा, खेड़ली बाजार, महतपुर, बाड़ेगांव, छिंदी, माथनी, ब्रह्मणवाड़ा, करपा, चंदोरा आदि गावों में किसान विरोधी कानून रद्द करो यात्रा पंहुची। यात्रा के दौरान एड.आराधना भार्गव ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि यात्रा का मकसद किसानों के सम्मानपूर्वक जीवन जीने के अधिकार किसानों को दिलाना है। जब तक किसान कर्जा मुक्त नहीं हो जाता तथा किसान के पैदा किए हुए सभी कृषि उत्पाद लागत से डेढ़ गुना दाम पर नहीं खरीदे जाते तब तक किसान की आर्थिक स्थिति में सुधार संभव नहीं है। आज डॉ सुनीलम के साथ लता प्रतिभा मधुकर, जगदीश दोड़के, प्रेमचंद मालवीय, सीताराम नरवरे, भुरेन्द्र माकोड़े, डखरू महाजन, विनोदी महाजन,अशोक बरोदे,भागवत परिहार, रामदयाल चौरे,गजानंद,हजारे, योगराज हजारे, शिवलू पटेल,कृष्णा ठाकरे,कचरया हजारे, बीआर घोरसे, अनिल सोनी, शबाना अली, माखन चौधरी, राजु बुआड़े, मंगल साहू, बीआर घोरसे, सीताराम बुझाड़े, संजय, आदि किसान धरना में शामिल हुए तथा जनमंच के पदाधिकारियों ने धरना को समर्थन दिया।
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