नई दिल्ली। समयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि केंद्र सरकार से बातचीत के दरवाजे खुले हुए हैं, उनके बंद होने का सवाल ही पैदा नहीं होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिए गए बयान को ध्यान में रखकर उऩ्होंने ये कहा जिसमें पीएम ने कहा था कि सरकार अपने प्रस्ताव पर कायम है। किसान नेता दर्शन पाल के हस्ताक्षर किए एक बयान में, एसकेएम ने कहा कि वह तीन कृषि कानूनों की पूर्ण निरस्तीकरण की मांग करता रहेगा। संयुक्ता किसान मोर्चा ने अपने प्रस्ताव के साथ केंद्र के बारे में प्रधान मंत्री द्वारा दिए गए बयान पर ध्यान दिया किसान अपनी चुनी हुई सरकार के पास दिल्ली के दरवाजे पर आ गए हैं और ऐसा सवाल ही पैदा ही नहीं होता कि किसान संगठन सरकार के साथ बातचीत का कोई दरवाजा बंद करें।” आगे कहा कि देश भर में एक दिन उपवास मनाकर किसानों ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। बयान में कहा गया, “किसानों ने गांधीजी के जीवन से प्रेरित होकर शांतिपूर्वक तरीके से इस आंदोलन को जारी रखने का संकल्प लिया” बयान में कहा गया है कि महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक,बिहार, मध्य प्रदेश गुजरात, हयाना सहित पूरे देश से सदभावना दिवस मनाने की खबरें आ रही थीं। बयान में कहा गया, “पुलिस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गुंडों द्वारा लगातार की जा रही हिंसा सरकार के अंदर का डर साफ दिखाती है। पुलिस प्रदर्शनकारियों और पत्रकारों बेतरतीब ढंग से गिरफ्तार कर रही है। किसानों के संगठन ने सभी शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों की तत्काल रिहाई की मांग की और विरोध प्रदर्शन को कवर करने वाले पत्रकारों पर हो रहे हमलों की निंदा की।

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