लंदन। अफगानिस्तान के हालात को लेकर इंसान और जानवर के जीवन के मूल्यों दिनों बहस छिड़ी है। ब्रिटेन के पूर्व रॉयल मरीन को करीब 200 कुत्तों और बिल्लियों के साथ अफगानिस्तान से निकासी के बाद यह मामला गर्मा गया है। दरअसल, संस्था के अफगानिस्तान के कर्मियों को काबुल में ही छोड़ दिया गया है। उन्होंने अपने पशुओं के साथ देश छोड़ने के लिए एक अभियान चलाया हुआ था। निजी तौर पर किराए पर ली गई एक चार्टर्ड विमान ने पॉल ‘पेन’ फारथिंग ने अपने जानवरों के साथ शनिवार देर शाम काबुल से उड़ान भरी। एक समय जब काबुल एयरपोर्ट पर लोग बाहर जाने के लिए विमान के बाहर लटकने के लिए तैयार थे। उस समय पेन फारथिंग की पत्नी एडा को अकेले सी-130 सैन्य परिवहन विमान से बाहर निकाला गया। उन्हें काबुल से उनके देश नॉर्वे पहुंचाया गया। खाली जा रही फ्लाइट की वो तस्वीर काफी वायरल भी हुई थी। ब्रिटिश आर्मी के इस पूर्व मरीन सैनिक की वापसी को लेकर ब्रिटेन में खूब चर्चा भी हो रही थी। यह पूर्व सैनिक अपने कुत्ते और बिल्लियों के साथ ब्रिटेन जाने पर अड़ा हुआ था। ब्रिटेन में लोगों के मत इस मुद्दे पर अलग-अलग थे। लोग इंसान और जानवर के जीवन के मूल्यों को लेकर बहस कर रहे थे। फारथिंग के ब्रिटेन में प्रवक्ता के तौर पर कार्य कर चुके पशु कल्याण प्रचारक डोमिनिक डायर ने कहा कि विमान रविवार को लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर उतरेगा।
ब्रिटिश सैनिक के तौर पर अफगानिस्तान में 15 साल पहले तैनात रहे फारथिंग ने ‘नाउजाड’ नाम की परोपकारी संस्थान शुरू की है। वह अपने अफगान कर्मचारियों और उनके आश्रितों के साथ ब्रिटिश सेना के विमान से वहां से निकलने के पात्र थे, लेकिन उन्होंने बिना पशुओं के देश छोड़ने से इनकार कर दिया। कई दिनों तक फारथिंग ने अपने जानवरों के साथ अफगानिस्तान से निकलने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया और मीडिया को इंटरव्यू दिए। यह सब ऐसे वक्त में हो रहा था जब काबुल हवाई अड्डे पर देश छोड़ने के लिए लोगों की भीड़ लगी थी। उनके समर्थकों ने ब्रिटिश सरकार से मदद के लिए पैरवी की और बचाव अभियान को ‘ऑपेशन आर्क’ का नाम दिया गया। हालांकि ब्रिटेन के सासंदों ने इसकी आलोचना की और कहा कि पशुओं के बजाय इंसानों को बचाने पर जोर दिया जाना चाहिए।
फारथिंग और उनके समर्थकों ने कहा ‘ऑपेशन आर्क’ ने विमान में कोई सीट नहीं ली है या लोगों को निकालने के अभियान में लगे अधिकारियों के स्रोतों का इस्तेमाल नहीं किया है। हालांकि ब्रिटिश सरकार के अधिकारियों ने इसे लेकर अपनी मुखरता जाहिर की है। रक्षा मंत्री बेन वालेस ने कहा कि सेना को पशुओं के बजाए लोगों को प्राथमिकता देनी चाहिए और शिकायत की कि फारथिंग के समर्थकों ने वरिष्ठ कमांडरों का अधिक समय लिया और सैन्य कर्मियों को अपशब्द कहे। डोमिनिक डायर ने कहा कि तालिबान के गार्डों ने अफगानिस्तान के कर्मियों को प्रवेश की इजाजत नहीं दी, हालांकि उनके पास ब्रिटेन आने के लिए वैध दस्तावेज थे। कल भी ऐसी रिपोर्ट आई थी कि तालिबान के लड़ाके अपने देश के किसी भी नागरिक को एयरपोर्ट के अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं दे रहे हैं। आतंकी संगठन का कहना है कि वे केवल विदेशी पासपोर्ट धारकों को ही एयरपोर्ट पर जाने दे रहे हैं।

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