नई दिल्ली। भारत ने एक बार फिर भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव के मामले में पाकिस्तान से बात करते हुए बिना रोकटोक के उन्हें कॉन्सुलर एक्सेस की मांग की है। भारत ने यह मांग इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में रिव्यू पीटिशन दायर करने से पहले की है।सूत्रों के अनुसार भारत ने पाक से कहा कि आप कॉन्सुलर एक्सेस के दौरान बातचीत की भाषा को सिर्फ इंग्लिश नहीं कर सकते हैं। इसके साथ ही भारत चाहता है कि पाकिस्तान दो अधिकारियों को कुलभूषण जाधव से मिलने की अनुमति दे।
काउंसलर एक्सेस वह प्रक्रिया है जिसके जरिए किसी दूसरे देश में बंद नागरिक को उसके देश के दूतावास के अधिकारियों से मिलने का मौका दिया है। इसका मकसद कैदी को जरूरी या मानवीय मदद उपलब्ध करना होता है। काउंसलर्स, किसी देश के उच्चायोग या दूतावास से हो सकते हैं। इसके तहत कानूनी सलाह और मदद दी जाती है ताकि कैदी को अपने देश में वापस जाने में संभव मदद मिल सके।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में पाकिस्तान सरकार ने दावा किया था कि कुलभूषण जाधव ने रिव्यू पिटीशन दायर करने से मना कर दिया है और यह फैसला किया है कि वह अब दया याचिका के साथ आगे बढ़ेंगे। गौरतलब है कि भारतीय नौ सेना के रिटायर्ड अधिकारी कुलभूषण जाधव पाकिस्तान की जेल में बंद हैं। कुलभूषण जाधव को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने बलूचिस्तान में कथित तौर पर तोड़फोड़ और आतंकी कार्रवाई के आरोप में गिरफ्तार किया था। पाकिस्तानी सुरक्षा बलों का आरोप है कि जाधव ईरान से पाकिस्तान में जासूसी के इरादे से आए थे, जबकि भारत इन सभी आरोपों को इनकार करता आया है।