नई दिल्ली। भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. कृष्णमूर्ति वी. सुब्रमण्यम ने कहा कि भारतीय कृषि के विकास व निवेश के माध्यम से अधिक नवोन्मेषों को प्रेरित करने के लिए निजी निवेश की आवश्यकता है। इस संदर्भ में उन्होंने उल्लेख किया कि नए कृषि विधेयक छोटे व सीमांत किसानों के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। कृषि क्षेत्र के विकास पर टिप्पणी करते हुए डॉ. सुब्रमण्यम ने कहा कि पिछले एक साल में सरकार द्वारा किए गए महत्वपूर्ण सुधारों को देखते हुए, यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि इससे विशेषकर छोटे व सीमांत किसानों के समक्ष आने वाली चुनौतियों और अन्य कई मुद्दों का समाधान किया जा सकेगा। छोटे व सीमांत किसानों के लिए ऋण अत्यंत महत्वपूर्ण है और नाबार्ड जैसी संस्थाएं यह सुनिश्चित करती हैं कि पूरे देश में इन किसानों को ऋण उपलब्ध कराने का उचित प्रावधान किया जाता है, इस वजह से छोटे व सीमांत किसानों को बिचौलियों तथा ऋण के अनौपचारिक माध्यमों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है, इसके बजाय वे औपचारिक वित्तीय क्षेत्र से वास्तव में उधार लेने में सक्षम हो पाते हैं और वे पूर्व में महसूस की गई चुनौतियों/ बंधनों को तोड़ने में सफल हो पाते हैं।

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