राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) पर आज मोदी कैबिनेट की मीटिंग में चर्चा हुई। ऐसा बताया जा रहा है कि केंद्रीय कैबिनेट की बैठक NPR यानी नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर पर मुहर लग चुकी है। बताया जा रहा है कि 2020 तक एनआरपी लागू किया जा सकता है। पॉपुलेशन रजिस्टर का उद्देश्य देश के नागरिकों की व्यापक पहचान का डेटाबेस तैयार करना है। इसमें लोगों की तादाद गिनने के साथ बायोमैट्रिक जानकारी भी होगी।

मंत्रिमंडल की बैठक में एनपीआर के नवीनीकरण को हरी झंडी मिली
पश्चिम बंगाल और केरल सरकार ने NPR विरोध कर रही है। बता दें कि 2010 में मनमोहन सिंह सरकार में NPR बनाने की पहल आरंभ हुई थी। वहीं, नागरिकता संशोधन अधिनयम (सीएए) और एनआरसी पर मचे घमासान के बीच केंद्र सरकार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को एक बार फिर से धरातल पर उतारने में लग गई है। ऐसा बताया जा रहा था कि आज हुई मंत्रिमंडल की बैठक में एनपीआर के नवीनीकरण को हरी झंडी मिल गई है।

इन सरकारों ने किया विरोध
पश्चिम बंगाल और केरल सरकार ने एनपीआर का भी विरोध किया है। हालांकि यह एनआरसी से हर तरह से अलग है। नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) के तहत एक अप्रैल, 2020 से 30 सितंबर, 2020 तक नागरिकों का डेटाबेस तैयार करने के लिए पूरे देश में घर-घर जाकर जनगणना की तैयारी है।

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