मंगलवार को भारत की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए एक जनहित याचिका का निपटारा कर दिया कि केंद्र और राज्य सरकारें प्रवासी कामगारों को राहत उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त कदम उठा रही हैं।
बता दे कि याचिका में प्रवासी कामगारों को मुफ्त यात्रा सुविधा देने के लिए रेलवे और राज्यों को निर्देश देने की मांग की गई थी। जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि उन्हें याचिका लंबित रखने का कोई कारण नजर नहीं आता।
इस बात का हवाला देकर उन्होंने याचिका का निपटारा कर दिया। याचिकाकर्ता अहमदाबाद स्थित भारतीय प्रबंध संस्थान के पूर्व प्रभारी निदेशक जगदीप एस. छोकर और वकील गौरव जैन की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि सभी प्रवासी कामगारों को अपने गांव जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है और कइयों को पैदल चलकर घर लौटना पड़ रहा है। इस पर पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ताओं द्वारा मांगी गई राहत सरकार ने पहले ही मुहैया करा दी है।