नई दिल्ली। केंद्र सरकार के ऐतराज के बावजूद क्या दिल्ली में राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना शुरू हो सकती है? इसको लेकर संशय अब भी बरकरार है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना’ के तहत राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना की समीक्षा के लिए शनिवार को एक बैठक बुलाई है। बैठक में दिल्ली के खाद्य और आपूर्ति मंत्री भी उपस्थित रहेंगे। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार की योजना पर रोक लगा दी थी, जिसे 25 मार्च को लॉन्च किया जाना था। जानकारी के अनुसार, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा घर-घर राशन पहुंचाने की योजना शुरू करने से पांच दिन पहले ही गतिरोध उत्पन्न हो गया है। केंद्र ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार से योजना लागू नहीं करने को कहा क्योंकि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत सब्सिडी के आधार पर जारी खाद्यान्न का इसके लिए इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है। दिल्ली सरकार को लिखे पत्र में, केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव एस. जगन्नाथन ने कहा कि एनएफएसए के तहत वितरण के लिए केंद्र सरकार द्वारा आवंटित सब्सिडी वाले खाद्यान्न को ‘किसी राज्य की विशेष योजना या किसी दूसरे नाम या शीर्षक से कोई अन्य योजना को चलाने में उपयोग नहीं किया जा सकता है। इसमें कहा गया है कि हालांकि, अगर दिल्ली सरकार अपनी अलग योजना लाती है और उसमें एनएफएसए को नहीं मिलाया जाता है तो केंद्र को इस पर कोई आपत्ति नहीं होगी। अधिकारी ने दिल्ली सरकार की 20 फरवरी की अधिसूचना का हवाला दिया है जो पीडीएस के तहत घर घर राशन की डिलीवरी कराने की ‘मुख्‍यमंत्री घर घर राशन योजना’ (एमएमजीजीआरवाई) के नाम से राज्य की विशिष्ट योजना है। ‘आप’ ने कहा कि यह दुखद है कि केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार से ‘मुख्‍यमंत्री घर घर राशन योजना’ रोकने को कहा है। ‘आप’ के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली सरकार ने सामाजिक कल्याण योजना को लागू करने के लिए केंद्र से एक पैसा नहीं लिया है।

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