नई दिल्ली। निगम का अधिकृत शेयर कैपिटल 25 करोड़ रुपये होगा और आवर्ती व्यय लगभग 2.42 करोड़ रु प्रति वर्ष होगा। यह एक नया प्रतिष्ठान है। वर्तमान में, नवगठित केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के भीतर ऐसा कोई संगठन नहीं है। इस स्वीकृति में रोजगार सृजन के लिए एक अंतर्निहित क्षमता है क्योंकि निगम विभिन्न प्रकार की विकास संबंधी गतिविधियों को शुरू करेगा। निगम उद्योग, पर्यटन, परिवहन और स्थानीय तथा हस्तशिल्प के उत्पादों के विपणन के लिए काम करेगा। लद्दाख में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए निगम मुख्य निर्माण एजेंसी के रूप में भी काम करेगा। निगम की स्थापना से केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का समावेशी और एकीकृत विकास होगा। इसके बदले में, यह पूरे क्षेत्र और केंद्र शासित प्रदेश की आबादी के सामाजिक-आर्थिक विकास को सुनिश्चित करेगा। विकास का प्रभाव बहुआयामी होगा। यह भविष्य में मानव संसाधनों के विकास और उसके बेहतर उपयोग में मदद करेगा। यह वस्तुओं और सेवाओं के घरेलू उत्पादन को बढ़ाएगा और उनकी सुचारू आपूर्ति को सुगम बनाएगा। इस प्रकार, यह स्वीकृति आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने में मदद करेगी।

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