केंद्र सरकार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दिल्ली की जनता को जानकारी दी कि केंद्र सरकार ने दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, कैबिनेट की बैठक में चिह्नित 1,797 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने का फैसला किया है। अनधिकृत कॉलोनी में रहने वाले कम-से-कम 40 लाख लोगों को मालिकाना हक मिलेगा। केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा,इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को मालिकाना हक दिया जाएगा।
लोक शक्ति पार्टी (लोकतांत्रिक) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन कुमार ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए सरकार पर सवाल खड़ा किया कि..
(१) इस घोषणा में अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने कि समय सीमा स्पष्ट क्यों नहीं है दिल्ली चुनाव के पहले या बाद में?
(२) इसी तरह कि समस्या जे जे कॉलोनीवासियों के साथ है इसे इसमें क्यों नहीं शामिल किया गया?
(३) दिल्ली के यमुना खादर के किसानो व् मज़दूरों के साथ भी यही समस्या है इन्हे भी जमीं व् झुग्गी झोपडी का मालिकाना हक़ मिलना चाहिए।
सरकार के झूठे वादों की मार्केटिंग शुरू
लोक शक्ति पार्टी (लोकतांत्रिक) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन कुमारने कहा कि पार्टी पिछले 27 फरवरी 2018 से दिल्ली के समस्त अनधिकृत कॉलोनी जे जे कॉलोनी और यमुना खादर के लोगों को उनके घर और जमीन का मालिकाना हक़ के दिलाने हेतु अनवरत सत्याग्रह आंदोलन चला रही है और अभी तक तीन वॉर सचिवालय का एक बार संसद भवन का घेराव व् प्रदर्शन और 6 महापंचायत एवं 84 जनसभाएं कर चुकी है। साथ ही उन्होंने कहा की जब जब चुनाव आतें है तब तब सरकार दवारा इस तरह के झूठे वादे और झूठी बातों की मार्केटिंग शुरू हो जाती है लेकिन दिल्ली की जनता अब इनके झांसे में आने वाली नहीं है।
जमीन का मालिकाना हक़ क़ानूनी तौर पर दिया जाए..
हमलोग बार बार यह मांग कर रहें है की भू अध्यादेश लाकर अनधिकृत कॉलोनी और जे जे कॉलोनीवासियों को इनके घर व जमीन का मालिकाना हक़ दिलाने हेतु अविलम्ब अध्यादेश के माध्यम से इनको घर व् जमीन का मालिकाना हक़ क़ानूनी तौर पर दिया जाए। यदि सरकार अनधिकृत कॉलोनी ,जे जे कॉलोनी और यमुना खादर के लोगों को इनके घर व् जमीन का मालिकाना हक़ देने कि तिथि कि घोषणा अविलम्ब नहीं करती है तो लोक शक्ति पार्टी (लो) आंदोलन को तेज़ करेगी।