नई दिल्ली। कोरोना की वैक्सीन को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं जिसके चलते लोग टीका लेने से पीछे हट जा रहे हैं। कहीं गर्भवती महिलाएं वैक्सीन से डर रही हैं तो कहीं छोटे बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलाएं। वहीं कर्नाटक में अजीबो गरीब मामला सामने आया है। यहां वैक्सीन केंद्र से कुछ महिलाओं को इसलिए लौटा दिया क्योंकि उनकी महावारी चल रही थी। उनसे कहा गया कि इस दौरान वैक्सीन लेने से उनपर साइड एफैक्ट हो सकता है।
एक्टिविस्ट विद्या पाटिल ने कहा कि कर्नाटक के रायचूर में कुछ स्वास्थ्य कार्यकर्ता मासिक धर्म वाली महिलाओं को टीकाकरण केंद्रों से वापस भेज रहे थे और अपने मासिक चक्र के पूरा होने के 5 दिनों के बाद शॉट के लिए वापस आने के लिए कह रहे थे। इसी तरह की घटनाएं बेलागवी और बीदर जिलों से भी हुई हैं। ये स्वास्थ्य कार्यकर्ता महिलाओं से कह रहे हैं कि शॉट से भारी बल्डफ्लो और थकान हो सकती है और उन्हें मासिक धर्म खत्म होने तक प्रतीक्षा करनी चाहिए।
डिप्टी कमिश्नर आर वेंकटेश कुमार ने सरकारी निकायों को ऐसा कोई निर्देश देने की बात को नकार दिया है। बता दें कि केंद्र सरकार ने वैक्सीनेशन पर गठित नेशनल टेक्निकल अडवाइजरी ग्रुज सिफारिश पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने गर्भवती महिलाओं को भी टीका लगाने की मंजूरी दे दी है। मंत्रालय ने कहा कि गर्भवती महिलाएं अब कोविन पर रजिस्ट्रेशन के बाद या सीधे कोरोना टीकाकरण केंद्र में जाकर वैक्सीन लगवा सकती हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में अब तक कोविड-19 टीके की 34 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है। मंत्रालय ने बताया कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 18-44 आयु वर्ग के कुल 9,41,03,985 लोगों ने टीके की पहली खुराक ले ली है और 22,73,477 ने दूसरी खुराक भी ले ली है।

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