केंद्र सरकार राजकोषीय घाटा के लक्ष्य को पूरा करने के लिए एक बार फिर रिजर्व बैंक के दरवाजे पर दस्तक दे सकती है। लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार आरबीआई से करीब 30 हजार करोड़ रुपये के अंतरिम लाभांश की मांग कर सकती है। राजस्व संग्रह में कमी और कॉरपोरेट करों में कटौती के कारण सरकार के वित्त संसाधनों पर दबाव है। एक अधिकारी ने बताया, अगर आवश्यकता हुई तो केंद्र सरकार चालू वित्त वर्ष में रिजर्व बैंक से 25-30 हजार करोड़ रुपये के अंतरिम लाभांश की मांग कर सकती है।
उन्होंने कहा कि इस बारे में जनवरी की शुरुआत में आंकलन किया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि रिजर्व बैंक के लाभांश के अतिरिक्त विनिवेश को बढ़ाने तथा राष्ट्रीय लघु बचत कोष का अधिक इस्तेमाल करने समेत कुछ अन्य साधन भी हैं। सरकार पहले भी राजकोषीय घाटा कम करने के लिए रिजर्व बैंक से अंतरिम लाभांश ले चुकी है। पिछले साल सरकार ने रिजर्व बैंक से 28 हजार करोड़ रुपये का अंतरिम लाभांश लिया था। इससे पहले 2017-18 में इस तरह से 10 हजार करोड़ रुपये लिये गये थे।