नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह माना कि दिल्ली में कोरोना की चौथी लहर चल रही है, लेकिन इसके साथ ही यह भी साफ कर दिया कि कोविड-19 महामारी की चौथी लहर पिछली लहरों की तरह गंभीर नहीं है और इसलिए दिल्ली में किसी भी तरह के लॉकडाउन की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा हम स्थिति की समीक्षा करेंगे। अगर जरूरत पड़ी तो इस पर बातचीत के बाद ही कोई कदम उठाया जाएगा। केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। दिल्ली में पिछले 24 घंटों में 3,583 नए मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना के मामलों में यह वृद्धि अब चौथी लहर है। हम इसे काबू करने के हरसंभव उपाय कर रहे हैं, चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि अक्टूबर महीने में आईसीयू में 1700 के करीब मरीज थे, लेकिन आज 800 है। तब 4000 मरीज प्रतिदिन आ रहे थे और 40 मौतें रोज हो रही थीं, लेकिन आज 7-8 मौतें हो रही हैं। केजरीवाल ने कहा आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पूरी तर सतर्क है और संक्रमण रोकने के लिए हर जरूरी कदम उठा रही है। मौतें पहले से काफी कम हो रही हैं, लोगों को अस्पताल और आईसीयू में बहुत कम भर्ती होना पड़ रहा है। राजधानी में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर स्थिति की समीक्षा के लिए केजरीवाल के आवास पर शुक्रवार को एक इमरजेंसी बैठक बुलाई गई थी। बैठक में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के साथ संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल रहे। सीएम ने कहा कि हम कोविड-19 टीकाकरण पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। दिल्ली में 71,000 लोगों को टीके लगाए गए थे। केजरीवाल ने कहा कि अब तीन महीने से कोरोना का टीका लगाया जा रहा है अब सभी अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों पर टीका लगाने की छूट दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अब साइड इफेक्ट का खतरा कम हो गया है। उन्होंने कहा कि आपात बैठक में बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए अस्पताल में बेड बढ़ाने से लेकर एंबुलेंस, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर बेड बढ़ाने को लेकर चर्चा की गई है। इसका प्लान तैयार किया गया है।

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