नई दिल्ली । विटामिन-डी कैंसररोधी औषधि के रूप में इंसानी शरीर में काम करता है यह भयंकर बीमारी से बचाव में कारगर भूमिका निभाता है। एक नए शोध के मुताबिक, विटामिन-डी की पूर्ति से शरीर में एडवांस कैंसर का खतरा 17 प्रतिशत तक कम होता है। विटामिन-डी सप्लीमेंट का इस्तेमाल करने वालों और सामान्य वजन के लोगों में इस बीमारी का खतरा दूसरों की तुलना में कम पाया गया है। इतना ही नहीं, सिर्फ लो बीएमआई (बॉडी मास्क इंडेक्स) या सामान्य वजन के लोगों की बात की जाए तो उनमें कैंसर का खतरा 38 प्रतिशत तक कम पाया गया है। यानी विटामिन-डी कम वजन वाले लोगों में कैंसर का खतरा 38 फीसदी और ओवरऑल लोगों में 17 फीसदी तक कम करता है। इस शोध के आंकड़े 2013 से 2018 के बीच जुटाए गए थे।
ब्रिघम एंड वूमेन्स हॉस्पिटल (बॉस्टन) का यह शोध एक जर्नल में प्रकाशित हुआ है। साल 2018 में वैज्ञानिकों ने दावा किया था कि विटामिन-डी शरीर में कैंसर को पनपने से नहीं रोक सकता है, लेकिन ये इस गंभीर बीमारी से मौत का खतरा कम कर सकता है। स्टडी के प्रमुख शोधकर्ताओं में से एक पॉलेट चैडलर ने कहा, ‘विटामिन-डी आसानी से उपलब्ध होने वाला सप्लीमेंट है, सस्ता है और दशकों से शोध में इस्तेमाल होता रहा है। हमारे शोध में पता चला है कि सामान्य वजन वाले लोगों में कैंसर की बीमारी का खतरा कम होता है। इससे विटामिन-डी और एडवांस कैंसर के संबंध में नई जानाकरी मिली है।’
सॉल्मन और टुना फिश खाने से भी विटामिन डी की कमी पूरी हो जाती है। अगर आपको मछली खाना पसंद नहीं है तो आप अंडे को भी डाइट में शामिल कर सकते हैं। इससे भी विटामिन डी की कमी नहीं होती है। विटामिन डी की कमी होने पर गाजर खाना भी फायदेमंद होता है। अंडे का पीला भाग, मशरूम, सोया मिल्क और गाजर या संतरे का जूस भी विटामिन डी का अच्छा स्रोत माने जाते हैं। धूप भी विटामिन डी का अच्छा स्रोत मानी जाती है। सर्दियों में तो धूप सेंकने के और भी ज्यादा फायदे होते हैं। इससे कई तरह की स्किन डिसीज भी दूर होती हैं। कॉड लिवर ऑयल में भी विटामिन डी भरपूर मात्रा होता है। इससे हड्डियों की कमजोरी दूर होती है। बुढ़ापे ऑस्टोपरोसिस की समस्या भी नहीं होती है।