बिलासपुर । कोरोना संक्रमण को देखते हुए हाई कोर्ट ने कैदियों को तीसरी बार छूट देते हुए पैरोल व जमानत की अवधि 15 दिनों के लिए बढ़ा दी है। इससे कैदियों ने राहत महसूस की है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जेल में बंद सजायाफ्ता बंदियो को इससे पहले 30 नवंबर तक पैरोल व जमानत दी गई थी।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के हाई कोर्ट को आदेश जारी सजायाफ्ता कैदियों को पैरोल व जमानत पर छोडऩे कहा था। इसके तहत हाई कोर्ट ने आदेश जारी कर बिलासपुर सेंट्रल जेल के 800 सजायाफ्ता कैदियों के साथ ही प्रदेश की विभिन्न जेलों में बंद कैदियों को एक महीने के लिए पैरोल पर रिहाई का आदेश जारी किया था। एक महीने की अवधि पूरी होने से पहले ही हाई कोर्ट ने पैरोल की अवधि एक महीने और बढ़ा दी थी। सितंबर में आदेश जारी कर पैरोल दो महीने के लिए बढ़ाते हुए 30 नवंबर अंतिम तिथि तय कर दी थी
हाई कोर्ट के आदेश के मद्देनजर जेल अधीक्षक ने कैदियों को एक दिसंबर को उपस्थिति दर्ज कराने के निर्देश दिए थे। 28 नवंबर तक हाई कोर्ट से किसी तरह का आदेश जारी नहीं होने की स्थिति में कैदियों के स्वजनों की चिंता बढ़ गई थी। इसके चलते कोरोना को देखते हुए मानवीय आधार पर राष्ट्रपति व राज्यपाल के नाम कलेक्टर डा.सारांश मित्तर को ज्ञापन सौंपते हुए पैरोल की अवधि बढ़ाने की गुहार लगाई थी। मंगलवार को हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन व जस्टिस पीपी साहू की युगलपीठ में इस मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने कैदियों के पैरोल व जमानत अवधि 15 दिनों के लिए बढ़ा दी है
सेंट्रल जेल में जुटी थी कैदियों की भीड़
केंद्रीय जेल प्रबंधन के आदेश पर मंगलवार को उपस्थिति देने के लिए बड़ी संख्या में कैदी पहुंच गए थे। इस दौरान कैदियों के साथ ही जेल प्रबंधन हाई कोर्ट के आदेश का इंतजार कर रहे थे। इसके चलते दोपहर तक जेल परिसर में कैदियों की भीड़ जुटी हुई थी। दोपहर में हाई कोर्ट के आदेश की जानकारी जेल अधीक्षक एसके मिश्रा को दी गई। हाई कोर्ट से मोहलत मिलते ही कैदियों ने राहत की सांस ली।

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