नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस में कलह को खत्म करने की कोशिशें बेकार होती दिख रही हैं। तमाम कोशिशों के बावजूद कांग्रेस पंजाब में अंदरूनी कलह को खत्म नहीं कर पा रही है। वरिष्ठ नेता नवजोत सिंह सिद्धू की पार्टी नेतृत्व से मुलाकात के बाद उम्मीद जगी थी कि विवाद सुलझ जाएगा। पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नए कदम ने इसे और उलझा दिया। कैप्टन अमरिंदर सिंह खेमा चाहता हैं कि मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ की जगह कोई हिंदू नेता ही ले। उनकी दलील है कि वह खुद सिख हैं, ऐसे में किसी दूसरे सिख को प्रदेश अध्यक्ष बनाना ठीक नहीं है। प्रदेश में 38 फीसदी हिंदू आबादी है, ऐसे में अध्यक्ष हिंदू समाज से होना चाहिए। कैप्टन खेमे ने नए प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए विजय इंदर सिंगला और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी का नाम भी पेश कर दिया है। सिंगला पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं। मुख्यमंत्री के इस कदम ने पार्टी नेतृत्व को मुश्किल में डाल दिया है। कांग्रेस ने सिद्धू को मनाने के लिए प्रचार समिति का अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री पद देने की भी पेशकश की है। पर सिद्धू का दबाव प्रदेश अध्यक्ष पद पर है। ऐसे में पंजाब विवाद सुलझने में कुछ और वक्त लग सकता है। इस बीच, सिद्धू फिलहाल दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं। बता दें कि ऐसी खबर है कि सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर आलाकमान राजी हो गया है।

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