मदरलैंड संवाददाता, गड़खा(सारण)
ईट भट्ठा और अन्य कार्यों से जीवन यापन करने वाले सैकड़ो मजदूर परिवारों की लाइन इन दिनों सुबह से शाम तक एनएच 722 पर लगी रह रही है। मुजफ्फरपुर दरभंगा समस्तीपुर मधुबनी आदि जिलों से टमटम (घोड़ागाड़ी )से जाते सैकड़ों को ये परोसी राज्य झारखंड के रांची के रहने वाले हैं।पिछले दिनों सरकार ने बस से प्रवासी मजदूरों का लाने का कार्य शुरू किया परंतु ग्रामीण और पिछड़े इलाके में ऐसे कई लोग हैं जो मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। उन लोगों का रजिस्ट्रेशन नहीं होने के कारण बस की सुविधा नहीं मिली बाद में थक हार कर घोड़ा गाड़ी पर सभी समान लाद कर सपरिवार अपने घर को चल दिए। इन सभी से जब पुनः कब आकर काम करने का पूछा गया तो जवाब था कि अब अपने घर पर ही रह कर जो काम मिलेगा, उसी से गुजारा करेंगे। क्योंकि काम बंद होने के कारण मजदूरी भी समाप्त हो चुकी थी मालिक द्वारा समय से भोजन भी नहीं दिया जा रहा था कोई वक्त तो पूरा परिवार भूखे सोने को भी विवश हो जाती थी यदि हम लोग यहां रहते तो भूखे मरते उससे बेहतर है कि अपने घर जाकर कुछ उपाय करें।