लंदन। मेजबान इंग्लैंड के खिलाफ पहले ही टेस्ट में कई रिकार्ड बनाने वाले न्यूजीलैंड के बल्लेबाज डेवॉन कॉनवे ने जिस प्रकार से खेल है। उससे भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली को भी इस बल्लेबाज से निपटने के लिए सोचना होगा क्योंकि भारत और न्यूजीलैंड के बीच 18 जून से विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) का फाइनल मुकाबला खेला जाएगा। कॉनने ने जिस प्रकार इंग्लैंड के तेज गेंदबाजी आक्रमण को आसानी से खेला है, ऐसे में लगता है कि अनुभवी स्पिनर आर अश्चिन इस बल्लेबाज के खिलाफ विराट के ट्रंप कार्ड हो सकते हैं। विराट की कप्तानी में इंग्लैंड पहुंची भारतीय टीम अभी पृथकवास में हैं। वहीं दूसरी ओर न्यूजीलैंड की टीम ने मेजबानों के साथ पहले टेस्ट के साथ ही डब्ल्यूटीसी फाइनल के लिए अपनी तैयारियां शुरु कर दी हैं। इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में कीवी टीम ने कॉनवे के शानदार दोहरे शतक से 378 रन बनाये। डेब्यू ने अपने डेब्यू के बाद से ही शानदार प्रदर्शन किया है। कॉनवे ने 347 गेंदों में 22 चौके और एक छक्के की मदद से 200 रनों की पारी खेली। वह डेब्यू टेस्ट में शतक लगाने वाले न्यूजीलैंड के 12वें बल्लेबाज हैं। अब कॉनवे की तुलना ऑस्ट्रेलिया के पूर्व खिलाड़ी माइक हसी से की जा रही है. कॉनवे ने न्यूजीलैंड के लिए 14 टी20 मैचों में 59.12 की औसत से 473 रन बनाए हैं। वहीं तीन एकदिवसीय में उन्होंने 75 की औसत से 225 रन बटोरे हैं। जिसमें एक शतक और एक अर्धशतक भी शामिल है। टेस्ट क्रिकेट में पिछले कुछ समय न्यूजीलैंड की टीम सलामी बल्लेबाज की कमी से परेशान थी जो कॉनवे के आने से समाप्त हो गई है। इस बल्लेबाज ने अभी तक भारत के खिलाफ नहीं खेला है। ऐसे में टीम इंडिया के कप्तान विराट की नजरें इस बल्लेबाज पर अंकुश लगाने के लिए उसकी तकनीकी खामियों पर रहेगी। कॉनवे ने अपनी पारी में जेम्स एंडरसन, स्टुअर्ट ब्रॉड, मार्क वुड और ओली रॉबिनसन जैसे तेज गेंदबाजों का आसानी से सामना किया। कोई भी तेज गेंदबाज इस युवा बल्लेबाज को आउट नहीं कर पाया और अंत में वह रन आउट हुए। भारत के पास भी जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और इशांत शर्मा जैसे तेज गेंदबाज हैं पर कॉनवे के खिलाफ आर अश्विन अधिक प्रभावी हो सकते हैं क्योंकि उनके खिलाफ इंग्लैंड ने किसी स्पिनर को शामिल नहीं किया था। ऐसे में स्पिन को यह बल्लेबाज कैसे खेलता है यह अभी देखा नहीं गया है। अश्विन ने टेस्ट क्रिकेट में अब तक 409 विकेट लिए हैं. अश्विन टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में बाएं हाथ के बल्लेबाजों को 200 से ज्यादा बार आउट करने वाले इकलौते गेंदबाज हैं और कॉनवे भी बाएं हाथ के ही बल्लेबाज हैं

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