मदरलैंड संवाददाता, पटना

कोटा में फंसे छात्रों का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। राजस्थान के कोटा में लाँँक डाउन के कारण बिहार के बहुसंख्यक छात्र फंसे हुए हैं। कुछ राज्यों ने तो स्पेशल बसें भेजकर अपने छात्रों को सकुशल वापस भी ले आए हैं। बिहार के भी कुछ रसुखदार नेताओं ने अपनी निजी गाड़ी से अपने बच्चों को वापस ले आए लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोटा से छात्रों को लाने पर शुरू से ही विरोध करते आ रहे हैं।
 जब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी के छात्रों को बुलाया तब नीतीश कुमार ने लाँँक डाउन के साथ अन्याय बताया था। प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग खत्म होने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि हमारे पास एक जैसी नीति होनी चाहिए। छात्र हर जगह है। बात केवल छात्रों के बारे में भी नहीं है आपको फंसे हुए प्रवासी मजदूरों के बारे में भी सोचना है।नीतीश कुमार ने कहा कि जब एक राज्य से दूसरे राज्य की यात्राओं पर प्रतिबंध लगा है तो आप कैसी इसकी इजाजत दे सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सिर्फ केंद्र सरकार के फैसले का पालन कर रहे हैं।
 गौरतलब है कि कोटा में हजारों की संख्या में बच्चे लाँँक डाउन के कारण फंसे हैं। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों ने बस भेज कर अपने छात्रों को बुला लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार इस बात का विरोध करते रहे हैं। जिस कारण उन्हें लगातार आलोचना झेलनी पड़ रही है। कोटा में छात्रों का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है।

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