नई दिल्ली। बीमा नियामक इरडा ने बीमा कंपनियों को डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना कवच प्रीमियम पर 5 प्रतिशत छूट देने को कहा है। इरडा ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि अस्पताल पॉलिसी शर्तों के अनुरूप बीमित व्यक्ति के नकद रहित (कैशलेस) इलाज से इनकार नहीं करे। बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के निर्देश पर सभी 30 साधारण और स्वास्थ्य बीमा कंपनियां जो स्वास्थ्य बीमा देती हैं, कोविड केंद्रित स्वास्थ्य पॉलिसी देना शुरू कर दिया है। इसे कोरोना कवच कहा जाता है। इरडा ने एक विज्ञप्ति में कहा कोरोना वायरस के खिलाफ अभियान में स्वास्थ्य क्षेत्र ने जो योगदान दिया है, उसको देखते हुए बीमा कंपनियां कोरोना कवच के लिये डॉक्टरों और अन्य स्वासथ्यकर्मियों को 5 प्रतिशत छूट देंगी।
कोरोना कवच पॉलिसी साढे तीन महीने, साछे ढह महीने और साढे नौ महीने के लिए है। इसके तहत 50,000 रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक (50,000 रुपये के गुणक) का स्वास्थ्य बीमा लिया जा सकता है। एक अन्य बयान में इरडा ने कहा कि कुछ रिपोर्ट में अस्पतालों द्वारा मरीजों को बीमा पॉलिसी के बावजूद कोविड-19 के इलाज के लिए ‘कैशलेस’ सुविधा नहीं देने की बात कही गई है। नियामक ने कहा कि पॉलिसीधारक संबंधित बीमा कंपनी/टीपीए के नेटवर्क में शामिल सभी अस्पतालों में ‘कैशलेस’ इलाज के हकदार हैं। इरडा ने बीमा कंपनियों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि अस्पताल पॉलिसी शर्तों के अनुरूप बीमित व्यक्ति के नकद रहित (कैशलेस) इलाज से इनकार नहीं करे।

Previous articleअब भाजपा के हाथ के खिलौना बन कर रह गए हैं सचिन पायलट : गहलोत
Next articleप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संयुक्त राष्ट्र में 17 जुलाई को संबोधन

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here