नई दिल्ली। कश्मीर न सिर्फ भारतीय, बल्कि विदेशियों के बीच भी एक आकर्षक टूरिस्ट स्पॉट माना जाता है। कश्मीर की कुदरती खूबसूरती हरे-भरे मैदान और बर्फीली चोटियां सदियों से देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित कर रही हैं। हालांकि जम्मू-कश्मीर में पिछले एक साल में टूरिज्म इंडस्ट्री को बड़ा नुकसान हुआ है।पिछले साल 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 हटने से ठीक पहले पर्यटकों को जम्मू-कश्मीर छोड़ने के लिए कहा गया था। घटना के बाद कश्मीर में पर्यटकों का आना-जाना एकदम से कम हुआ है। पहले अनुच्छेद 370 और फिर कोरोना की महामारी ने टूरिज्म इंडस्ट्री की कमर तोड़कर रख दी है। बात दें कि जम्मू-कश्मीर की जीडीपी का 15 प्रतिशत हिस्सा टूरिज्म से ही आता है और लाखों लोग टूरिज्म इंडस्ट्री से जम्मू कश्मीर में जुड़े हुए हैं।
रविवार को वर्ल्ड टूरिज्म डे पर जम्मू-कश्मीर सरकार और टूरिज्म विभाग केंद्र शासित प्रदेश में पर्यटन उद्योग को दोबारा पटरी पर लाने के लिए कई योजनाएं शुरू कर रहे है। पर्यटकों को कश्मीर की ओर ध्यान खींचने के लिए जम्मू कश्मीर का पर्यटन विभाग देश-विदेश में कई बड़े कार्यक्रम करेगा।पूरी दुनिया में टूरिज्म इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए हर साल 27 सितंबर को वर्ल्ड टूरिज्म डे सेलिब्रेट किया जाता है।इसका मुख्य उद्देश्य रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाना और पर्यटन के प्रति लोगों को जागरुक करना है।इसके साथ ही कोरोना के बावजूद जम्मू कश्मीर में पर्यटकों को आने की खुली छूट होगी और उनकी सुरक्षा और दूसरी सुविधाओं के लिए सरकार और प्रशासन ने भरोसा भी दिया है। श्रीनगर की डल झील में वर्ल्ड टूरिज्म डे के मौके पर कई कार्यक्रमों का आयोजन हुआ ताकि कश्मीर की तरफ एक बार फिर पर्यटकों को आकर्षित किया जाए।

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