नई दिल्ली। कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने पूरे देश को बुरी तरह प्रभावित किया। उत्तर प्रदेश भी उन राज्यों में से एक था जिन पर कोरोना का सबसे ज्यादा प्रकोप देखने को मिला। चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्था, नदियों में तैरते शव या फिर श्मशानों में लाशों की लंबी कतारे। यूपी में कोरोना वायरस की दूसरी लहर की तस्वीर कुछ इसी तरह दिखी। इन सब चीजों को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ को आलोचना का सामना भी करना पड़ा। इंटरव्यू में आदित्यनाथ दूसरी लहर से राज्य की लड़ाई और तीसरी लहर को लेकर राज्य की तैयारियों पर बात करते हैं। संभावना है कि तीसर लहर चुनावों के साथ राज्य में प्रवेश करेगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन के लगभग 2,000 प्रतिनिधियों ने राज्य का दौरा किया। डब्ल्यूएचओ ने ट्रिपल टी के यूपी मॉडल – टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट की भी सराहना की है। क्या लोगों को डेटा पर भरोसा करना चाहिए या उन लोगों पर जो इस बात को लेकर मन में गलत धाराणा बनाएं हुए हैं कि यूपी ने दूसरी लहर को कुशलता से हरा दिया। बिल्कुल यह बेहद दर्दनाक था लेकिन यह पहली बार नहीं है जब शवों को नदियों में तैरते देखा गया है। ऐसी ही तस्वीर 2012,2014 और 2016 में भी देखने को मिली थी। जागरूकता शुरू करने के अलावा, मेरी सरकार ने पिछले साल ही स्थानीय निकायों को सतर्क किया था। जल प्रवाह (जल प्रवाह) एक परंपरा है और अब संत भी इस प्रथा को रोकने के अभियान में शामिल हो गए हैं।