दुनियाभर में कई दिनों से लगातार बढ़ता जा रहा कोरोना का कहर मासूम लोगों की जान का दुश्मन बन चुका है, हर दिन इस वायरस के कारण दुनियाभर में हजारों मौते हो रही है वहीं लगातार संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रह है, इतना ही नहीं अब तो कोरोना वायरस ने एक महामारी का रूप भी ले लिया है जिसके बाद से लोगों के घरों में खाने की किल्लत बढ़ती ही जा रही है न जाने इस वायरस के कारण और ऐसी कितनी मासूम जिंदगियां है जो तबाही के कगार पर आ चुकी है।
भारतीय अमेरिकी एनजीओ ने कोविड-19 के लिए दस लाख डॉलर से अधिक जुटाए: भारतीय-अमेरिकी संगठन ने अपने कोविड-19 राहत प्रयास के लिए दस लाख डॉलर से अधिक की धन राशि जुटाई है। इंडियास्पोरा के बाद सेवा इंटरनेशनल दूसरा भारतीय अमेरिकी संगठन है जिसने दस लाख डॉलर से अधिक राशि जुटाई है। सेवा इंटरनेशनल के मुख्य आपरेटिंग अधिकारी एवं उपाध्यक्ष अरूण कांकणी ने बताया, ‘इस महामारी से अग्रिम मोर्चे पर लड़ने वाले लोगों की सहायता के लिए उदार दाताओं ने हमारे काम को समझने और स्वीकार करने में सक्षम बनाया है। उन्होंने एक बयान जारी कर बताया कि पूरे देश में लोगों की मदद के लिए जारी उनके अभियान के तहत संगठन ने छह लाख 25 हजार से अधिक मास्क बांटे हैं, 63 हजार गर्म भोजन एवं फूड किट वितरित किए हैं और रसोई घरों को एक लाख डॉलर से अधिक का दान दिया है।
कोरोना वायरस के चलते रद्द हुआ एशियाई शांति पुरस्कार: कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के चलते फिलीपींस का शांति पुरस्कार इस बार रद्द कर दिया गया है। यह तीसरी बार है जब एशिया का नोबेल पुरस्कार कहे जाने वाले इस वार्षिक सम्मान को पिछले छह दशकों में रद्द किया गया हो।
रेमन मैगसेसे पुरस्कार देने वाला मनीला स्थित फाउंडेशन ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 ने पूरी दुनिया को सच में ठप कर दिया है और इसके कारण उसके पास कोई विकल्प नहीं बचा है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में दुनिया भर के नेता नहीं हो सकते हैं शामिल: संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष तिजानी मोहम्मद बांदी ने सोमवार को कहा कि सितंबर में न्यूयॉर्क में आयोजित होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा की सालाना बैठक में हिस्सा लेने के लिए दुनिया भर के नेताओं के जमा होने की संभावना नहीं है। संयुक्त राष्ट्र के 75 साल के इतिहास में पहली बार कोविड-19 महामारी की वजह से ऐसा हो रहा है।