नई दिल्ली। स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अदहानोम गेब्रेयेसस ने आगाह किया कि दुनिया कोविड-19 महामारी के बेहद खतरनाक दौर में है। इसबीच कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट ने इन दिनों पूरी दुनिया में हड़कंप मचा दिया है। कोरोना का ये वेरिएंट न सिर्फ तेज़ी से फैल रहा है, बल्कि इनके लक्षण भी थोड़े अलग हैं। अब नए रिसर्च में पता चला है कि अगर आपको मामूली सर्दी-जुकाम है और नाक से हल्का पानी आ रहा है तो ये डेल्टा वेरिएंट के लक्षण हो सकते हैं। ये रिसर्च ऑस्ट्रेलिया की ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी ने किया है। यहां विषाणु विज्ञान और संक्रामक रोग में अनुसंधान करने वाली लारा हेरेरो के मुताबिक जैसे-जैसे वायरस विकसित हुआ है, इसके सबसे सामान्य लक्षण भी बदल गए हैं।
रिसर्च के लिए डेटा ब्रिटेन से लिए गए हैं। यहां ज्यादातर केस डेल्टा वेरिएंट के ही हैं। लारा हेरोरे के मुताबिक बुखार और खांसी हमेशा से कोविड के सबसे आम लक्षण रहे हैं। इसके अलावा सिरदर्द और गले में दर्द भी कुछ लोगों में दिखता था, लेकिन नाक बहने की शिकायत काफी कम लोग करते थे। वहीं, सूंघने की शक्ति चली जाना मूल रूप में बेहद आम था, अब नौंवे स्थान का लक्षण है। आखिर क्यों डेल्टा वेरिएंट के लक्षण बदल रहे हैं इस बारे में लारा हेरेरो का कहना है, इंसान एक-दूसरे से अलग है। हमारे अंतरों की तरह हमारे प्रतिरक्षा तंत्र भी अलग हैं। इसका मतलब ये है कि एक ही वायरस अलग-अलग तरीके से अलग-अलग संकेत और लक्षण पैदा कर सकता है। संकेत वो है जो दिखता है जैसे चकत्ते। लक्षण वह है जो महसूस होता है जैसे गला खराब होना। वायरस किस तरह से बीमार करता है यह दो अहम फैक्टर पर निर्भर करता है – वायरल फैक्टर में वायरस की खुद की प्रतिकृत बनाने की गति, संचरण के माध्यम और अन्य चीजें शामिल हैं।
इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अदहानोम गेब्रेयेसस ने आगाह किया कि दुनिया कोविड-19 महामारी के बेहद खतरनाक दौर में है जिसके डेल्टा जैसे वेरिएंट अधिक संक्रामक हैं और वक्त के साथ लगातार बदल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिन देशों की कम आबादी को टीके लगे हैं वहां अस्पतालों में फिर से मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। उन्होंने कहा, कोई भी देश अभी तक खतरे से बाहर नहीं है। डेल्टा वेरिएंट खतरनाक है और ये वक्त के साथ और बदल रहा है जिस पर लगातार नजर रखने की जरूरत है।’

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