नई दिल्ली। देश में कोरोना के नए मामले पाए जाने में में उतार चढ़ाव का क्रम जारी है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार बीते 24 घंटे में 42,909 नए मामले दर्ज किए गए। रविवार को यह संख्या 45,083 थी। मंत्रालय ने बताया कि बीते 24 घंटे में 380 की मौत हो गई, जबकि इस दौरान 34,763 लोगों ने संक्रमण को मात दी। वहीं अब तक 3,76,324 एक्टिव केस, 3,19,23, 405 डिस्चार्ज और 4,38,210 लोगों की मौत हो चुकी है। नए आंकड़ों के बाद देश में कोरोना के कुल मामलों की संख्या 32737939 हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार कुल मामलों में 1.13 फीसदी एक्टिव, 97. 53 फीसदी डिस्चार्ज और 1.34 फीसदी की मौत हो चुकी है। नए मामलों के बाद देश में एक्टिव केस की संख्या 7,766 बढ़ गई है। दूसरी ओर बीते 24 घंटे में टीके की 3114696 डोज़ दी गई। इस तरह देश में अब तक 634381358 लोगों को वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है।
उधर, केरल में लगातार चार दिन कोरोना वायरस संक्रमण के 30 हजार से ज्यादा मामले सामने आने के बाद रविवार को 29,836 नए मामले सामने आए जिसके बाद कुल मामले बढ़कर 40,07,408 हो गए। राज्य सरकार की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, पिछले एक दिन में महामारी से 75 मरीजों की मौत हो गई जिससे मृतकों की संख्या 20,541 पर पहुंच गई। केरल में कोविड-19 से पीड़ित होने के बाद अब तक 37,73,754 लोग ठीक हो चुके हैं और वर्तमान में 2,12,566 मरीज उपचाराधीन हैं। पिछले 24 घंटे में 1,51,670 नमूनों की जांच की गई और संक्रमण की दर 19.67 प्रतिशत है। हमदर्द चिकित्सा विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान में दो से 17 वर्ष की आयु के बच्चों के बीच कोविड-19 रोधी टीके कोवोवैक्स के तीन चरणों में से दूसरे चरण के नैदानिक ​​परीक्षण के लिए स्वयंसेवियों की भर्ती रविवार को शुरू हुई। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार यह परीक्षण 10 स्थानों पर होगा और इसमें 920 बच्चे शामिल होंगे, जिनमें 12-17 और 2-11 आयु वर्ग में 460-460 बच्चे शामिल होंगे। दवा कंपनी जायडस कैडिला के स्वदेश में विकसित सुई-रहित कोविड-19 टीके जाइकोव-डी को दवा नियामक से आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमति प्राप्त हुई है, जिससे यह देश में 12-18 वर्ष के आयु वर्ग में दिये जाने वाला पहला टीका बन गया है। भारत के दवा नियामक ने जुलाई में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को दो से 17 आयु की उम्र के बच्चों पर कोवोवैक्स के दूसरे चरण के परीक्षण के लिए कुछ शर्तों के साथ कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति (सीईसी) की सिफारिशों के आधार पर अनुमति दी थी। भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) को सौंपे गए आवेदन में एसआईआई के निदेशक (सरकारी और नियामक मामले) प्रकाश कुमार सिंह और निदेशक प्रसाद कुलकर्णी ने कहा था कि विश्व स्तर पर, 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वयस्कों का टीकाकरण किया जा रहा है और इसके बाद कोविड-19 के खिलाफ इस आबादी की रक्षा सुनिश्चित हो जाती है लेकिन बच्चे अतिसंवेदनशील समूह बने रहेंगे। उन्होंने कहा था, ‘कमजोर बच्चों में मौत सहित गंभीर बीमारी की खबरें आई हैं। यह भी आशंका जताई गई है कि देश में महामारी की तीसरी लहर बच्चों को प्रभावित कर सकती है।’ आवेदन में कहा गया था, ‘भारत में तीन चरणों वाले परीक्षण में से दूसरे चरण के अध्ययन में, 1,400 से अधिक प्रतिभागियों ने टीके की कम से कम पहली खुराक प्राप्त की है, जिसमें अब तक कोई सुरक्षा चिंता सामने नहीं आई है।’

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