मदरलैंड संवाददाता, आशीष कुमार, पटना
पटना में बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सूचना जन-सम्पर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार, स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह एवं पुलिस मुख्यालय से ए.डी.जी जितेन्द्र कुमार ने मीडियाकर्मियों को कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन से उत्पन्न हालात के बाद सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। सूचना जन-सम्पर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री कोरोना से उत्पन्न हालात के हर पहलूओं की लगातार समीक्षा कर रहे हैं और जरुरतमंद को हरसंभव मदद देने का लगातार निर्देश दे रहे हैं।
सूचना सचिव अनुपम कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के निर्देश पर लगातार ब्लाक क्वारंटाईन सेंटर की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है। ब्लाक क्वारंटाईन सेंटर में सभी सुविधाएं मुहैया कराने के साथ साथ प्रोटोकाँल के मुताबिक बाहर से आने वाले प्रवासी लोगों की जॉच भी कराई जा रही है।
अनुपम कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि हाल के दिनों में प्रवासी लोगों के आने का सिलसिला जारी है। सरकार ने इसको लेकर पहले से ही तैयारी कर रखी थी। जो भी बाहर से आ रहे हैं, उनको ब्लाक क्वारंटाईन सेंटर में रखा जाता है, और प्रोटोकॉल के मुताबिक जिनमें भी कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखते हैं, उनकी जॉंच की जाती है, जॉच के बाद जो पॉजिटिव पाए जाते हैं, उनका ईलाज प्रोटोकॉल के अनुसार किया जाता है। हाल के दिनों में कोरोना के केस बिहार में बढ़े हैं, क्योंकि ज्यादा से ज्यादा प्रवासी लोगों की जॉंच की जा रही है। सरकार इस बात को बखूबी समझती है कि अगर बाहर से आने वाले लोगों को गॉव तक जाने दिया गया होता तो स्थिति भयावह रुप ले सकती थी। इसे फैलने से रोकेंगे तभी तो लोग सुरक्षित रहेंगे। इसलिए सरकार की रणनीति के केन्द्र में प्रवासी लोगों के आने के बाद ब्लाक स्तरीय क्वारंटाईन सेंटर में पुख्ता व्यवस्था करने का रहा, जिससे संक्रमण को गॉंवों तक नहीं पहुंचने दिया जाए। यही वजह है कि केन्द्रीय स्तर पर बिहार के इस व्यवस्था की तारीफ की जा रही है। बिहार में ब्लाक स्तर पर 4163 क्वारेंटाईन सेंटर में 1 लाख 89 हजार आवासित हैं । बिहार में हाल के दिनों में बड़ी संख्या में लोग वापस आ रहे हैं, ऐसे में सरकार की तरफ से ऐसी व्यवस्थाएं की गई हैं, जिससे किसी को कोई परेशानी ना हो। जिलाधिकारी खुद इसकी मानिटरिंग करते हैं। ब्लाक क्वारंटाईन सेंटर के साथ पंचायत क्वारंटाईन सेंटर को भी अपग्रेड किया गया है।
सूचना सचिव ने कहा कि विदेश से जो लोग बिहार आएंगे, उन्हें क्वारंटाईन सेंटर में रखा जाएगा, लेकिन इसका उन्हें भुगतान करना होगा। जो छात्र बाहर से आ रहे हैं, उनके लिए होम क्वारंटाईन का प्रावधान है। जो लोग दिल्ली से चलने वाली राजधानी ट्रेन से आ रहे हैं, उनके स्क्रीनिंग के बाद ही ट्रेन सफर की इजाजत दी जा रही है, ऐसे लोगों को क्वारंटाईन में नहीं रखा जाएगा।
सूचना एवं जन-सम्पर्क सचिव ने कहा कि आज दूसरे प्रदेशों से प्रवासी श्रमिकों एवं अन्य को लेकर 25 ट्रेनें बिहार आ रही हैं जनमें 34,629 लोग आ रहे हैं। बृहस्पतिवार को 34 ट्रेनों के आने की सूचना है जनमें 50910 लोगों के आने की संभावना है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया था कि सात दिनों के अंदर बिहार के बाहर फंसे लोगों को वापस लाया जाए। संबंधित विभाग इस दिशा में लगातार काम कर रहा है।सरकार चाहती है कि जल्द से जल्द और ज्यादा से ज्यादा बाहर फंसे लोग वापस आएं। योजना के मुताबिक आने वाले दिनों में 267 ट्रेनों से तकरीबन 4 लाख 27 हजार 2 सौ लोग बिहार वापस आने का अनुमान है।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जानकारी देते हुए एडीजी पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार ने कहा कि लाँकडाउन का सख्ती से पालन कराया जा रहा है और कोविड-19 से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों में जो अवरोध पैदा कर रहा है उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। लॉकडाउन के उल्लंघन को लेकर पिछले 24 घंटे में अब तक 20 एफआरआई दर्ज किए गए हैं, 51 गिरफ्तारियां हुई हैं और 1186 वाहन जब्त किए गए है। एडीजी ने बताया कि सरदार पटेल भवन स्थित पुलिस मुख्यालय के कोई पदाधिकारी या कर्मी कोरोना पॉजिटिव नहीं पाए गए हैं।
वीडियो कांफ्रेंसिंग में जानकारी देते हुए स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने कहा कि बिहार में कोरोना पाजिटिव केस का आंकड़ा 909 हो गया है। बिहार में अब तक कोरोना संक्रमण के 39149 जाँच किए जा चुके हैं, कुल जाँच के 2.3 फीसदी लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। पहले के मुकाबले हाल के दिनों में कोरोना के मामले बढ़े हैं। 3 मई के बाद आए प्रवासी लोगों की जॉंच से कोरोना के केस बढ़े हैं। 3 मई के बाद आए कोरोना के 303 पॉजिटिव मामले में 277 पॉजिटिव केस प्रवासियों का है। जिनमें नई दिल्ली से आए 78 प्रवासी, गुजरात से आए 71, महाराष्ट्र से आए 57, पश्चिम बंगाल से आए 20 और हरियाणा से आए 13 प्रवासी लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। कोरोना से अब तक कुल 386 लोग स्वस्थ्य होकर घर जा चुके हैं।