बीजिंग। चीन में तैनात अमेरिकी राजनयिकों ने दावा किया है कि उन्‍हें कोरोना वायरस की जांच के लिए एनल (गुदा) स्‍वाब देने के लिए मजबूर किया गया। अमेरिका ने इसकी शिकायत की है और कहा है कि नमूने लेने का यह तरीका ‘अशोभनीय’ है। यही नहीं अमेरिका ने अपने राजनयिकों को न‍िर्देश द‍िया है कि अगर उन्‍हें एनल स्‍वाब टेस्‍ट के लिए कहा जाए तो वे साफ मना कर दें। दूसरी ओर, चीन ने एनल स्‍वाब लेने के आरोप को खारिज किया है।
चीन ने इन आरोपों से इंकार किया कि अमेरिकी राजनयिकों की कोविड-19 की गुदा जांच कराई गई। इससे पहले अमेरिका से ऐसी खबरें आईं थीं कि उसके कुछ कर्मियों को इस प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि ‘चीन में रह रहे अमेरिकी राजनयिकों से कभी भी गुदा स्वैब जांच कराने के लिए नहीं कहा गया।
इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि वॉशिंगटन अमेरिकी वियना सम्मेलन के साथ ही अन्य प्रासंगिक राजनयिक कानूनों के मुताबिक अपने राजनयिकों और उनके परिवार की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। अमेरिकी कर्मियों ने विदेश मंत्रालय को बताया कि उनकी गुदा जांच कराई गई। चीन ने दावा किया है कि देश के कुछ हिस्‍सों में आने वाले यात्रियों को एनल स्‍वाब टेस्‍ट कराना आवश्‍यक है।
उसने कहा कि इस आदेश में राजनयिकों को छूट देने का आदेश ‘भूलवश’ रह गया था। चीन में इस प्रक्रिया को इसलिए अपनाया जाता है कि यह नाक या मुंह के स्वैब की जांच की तुलना में ज्यादा सटीक होता है। नमूने के लेने के दौरान रेक्‍टम के अंदर 3 से 5 सेंटीमीटर अंदर स्‍वाब को डालना होता है और कई बार घुमाना होता है। इस पूरी प्रक्रिया में करीब 10 सेकंड का समय लगता है।
पेइचिंग के युआन अस्पताल के ली तोंगजेंग ने कहा कि बेशक एनल स्वैब गले और नाक से स्वैब के नमूने लेने की तुलना में अधिक कठिन है, लेकिन इसका इस्तेमाल केवल क्वारंटीन एरिया में लोगों की जांच के लिए किया जा रहा है। यह गलत तरीके से पॉजिटिव पाए जा रहे लोगों की संख्या को कम करेगा। इससे कोरोना की पहचान सटीक तरीके से हो सकेगी।

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