जोधपुर। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की मार का यह आलम है कि बाकी सेक्टरों को तो छोड़ें इसका हवा यातायात पर भी बुरा असर पड़ा है। यही कारण है कि जोधपुर से चलने वाले विमानों की संख्या भी काफी कमी आ गई है। हर साल देश विदेश के लाखों पर्यटक जयपुर, जोधपुर और जैसलमेर में हेरिटेज इमारतों और यहां की संस्कृति को देखने आते हैं। लेकिन कोरोना संक्रमण ने इस उद्योग पर ऐसा ग्रहण लगाया है कि अब यह उद्योग खासा संकट में है। खास तौर पर जोधपुर का एयरपोर्ट के यात्री भार में 45 फीसदी की कमी आ गई है।
कोरोना संक्रमण की पहली लहर ने भी काफी नुकसान पहुंचाया था। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने तो जोधपुर एयरपोर्ट की कमर ही तोड़ दी है। सबसे ज्यादा नुकसान एयर कार्गो को हुआ है। इसके साथ ही सरकारी और निजी एयरलाइंस भी घाटे में आ चुकी है। कई एयरलाइंस को अपने कार्यलय में स्टाफ की कमी करनी पड़ गई है। जोधपुर में पिछले साल तक प्रतिवर्ष एक लाख यात्री हवाई यात्रा करते थे। लेकिन इस साल महज 44 हजार 893 यात्रियों ने हवाई यात्रा की है। कोरोना संक्रमण काल में यात्री भार कम होने के साथ विमानों की संख्या भी तेजी से कम हुई है। जोधपुर में 2020 में जहां सालभर में 726 विमान उड़ान भरते थे वह संख्या इस साल 302 पर आ चुकी है। इस दौरान जोधपुर एयरपोर्ट पर 424 विमानों की संख्या कम हो चुकी है। पिछले साल मार्च से लगे लॉकडाउन के बाद से अब तक एयरपोर्ट पर हवाई सेवाएं पटरी पर नहीं आ सकी हैं।