नई दिल्ली। समय पर इलाज मिल जाता तो शायद रिटायर्ड फौजी की जान बचाई जा सकती थी। कोरोना पीड़ित लखीसराय निवासी 60 वर्षीय विनोद कुमार सिंह एनएमसीएच के एमसीएच कोविड वार्ड परिसर के बाहर खड़ी एम्बुलेंस में ही इलाज के इंतजार में दम तोड़ दिया। संयोगवश उसी समय सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय एमसीएच वार्ड में भर्ती मरीजों से मिलकर मिल रही सुविधाओं की जानकारी ले रहे थे। मृतक का बेटा अभिमन्यु ने कहा कि उसने अपने पिता को गंभीर स्थिति में लखीसराय से एम्बुलेंस में लेकर सोमवार की शाम पटना एम्स पहुंचा था, जहां डॉक्टरों ने भर्ती लेने से इंकार कर दिया। स्थिति बिगड़ती देख एक निजी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने गंभीर स्थिति का हवाला देते हुए एनएमसीएच ले जाने की सलाह दी। परंतु यहां कर्मियों ने यह कहते हुए भर्ती करने से इंकार कर दिया कि अभी स्वास्थ्य मंत्री यहां आने वाले हैं। उनके जाने के बाद ही मरीज को भर्ती लिया जाएगा। उन्होंने कर्मियों से कम से कम बरामदे में ही अपने पिता को रखने की बात कही लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों ने इंकार कर दिया। नतीजतन इस भीषण गर्मी में ही उनके पिता ने एम्बुलेंस में ही दम तोड़ दिया। जब पत्रकारों ने इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री से एनएमसीएच की लापरवाही की ओर ध्यान दिलाया तो वे अस्पताल में अच्छी स्वास्थ्य सुविधा का हवाला देते हुए चुप हो गए।

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