वाशिंगटन । कोविड-19 के घातक वायरस से बचाव के लिए इससे संक्रमित मरीजों से ठीक होने को बाद भी 10 दिन तक एहतियात बरतना चाहिए। ऐसे मरीजों में अस्पताल से छुट्टी मिलने के डेढ़ सप्ताह तक बहुत जोखिम रहता है और मरीजों के फिर से अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु की आशंका बनी रहती है। एक नए अध्ययन में यह कहा गया है। अध्ययनकर्ताओं ने पाया है कि हृदयाघात और निमोनिया के लिए अस्पताल में भर्ती किए गए मरीजों की तुलना में कोविड-19 के मरीजों के छुट्टी मिलने के अगले 10 दिनों में फिर से अस्पताल में आने या मृत्यु का 40 से 60 प्रतिशत तक अधिक खतरा होता है। एक शोध में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि अस्पताल से छुट्टी मिलने के अगले 60 दिनों में फिर से अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु का खतरा उन दोनों रोगों के मरीजों की तुलना में कम हो जाता है। अध्ययन में 132 अस्पतालों में कोविड-19 के लिए भर्ती हुए करीब 2200 लोगों को छुट्टी मिलने के बाद उनकी स्थिति का विश्लेषण किया गया। उनकी निमोनिया के लिए भर्ती हुए 1800 मरीजों और हृदयाघात के 3500 मरीजों की स्थिति से तुलना की गई। शुरुआती दो महीने में अस्पताल से छुट्टी ले चुके कोविड-19 के नौ प्रतिशत मरीजों की मृत्यु हो गई और करीब 20 प्रतिशत को फिर से अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। अध्ययन के लेखक और अमेरिका के मिशिगन विश्वविद्यालय में महामारी विशेषज्ञ जॉन पी डूनेली ने बताया, ‘गंभीर रूप से बीमार लोगों और कोविड-19 के मरीजों की तुलना करने पर हमें पहले से दूसरे सप्ताह में बड़ा जोखिम नजर आया। यह अवधि किसी भी मरीज के लिए खतरनाक होता है।’

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