मदरलैंड संवाददाता गोपालगंज

गोपालगंज। कोरोना वैश्विक महामारी के रोकथाम के लिए भारत सरकार द्वारा लॉक डाउन घोषित किया गया है। इसी बीच शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आर के महाजन द्वारा हड़ताली नियोजित शिक्षकों के वेतन भुगतान पर रोक लगाना अमानवीय कृत्य है। टीईटी शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष जितेंद्र कुमार यादव,वरीय उपाध्यक्ष गुड्डू कुमार व महासचिव दिनेश कुमार ने बताया है कि टीईटी शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय के पैरा 78 के आलोक में सहायक शिक्षक एवं राज्य कर्मी घोषित करने के लिए टीईटी शिक्षक 46 वें दिन भी हड़ताल पर हैं। भारत सरकार के श्रम मंत्रालय द्वारा निर्देश दिया गया है कि किसी भी सरकारी या गैर सरकारी कर्मचारी के लॉक डाउन के अवधि में वेतन भुगतान बाधित नहीं करना है। फिर भी राज्य सरकार ने हड़ताली नियोजित शिक्षकों के वेतन भुगतान पर रोक लगाकर गैरकानूनी एवं अमानवीय कृत्य है। हड़ताली नियोजित शिक्षक वेतन के अभाव में अभी तक पूरे बिहार में 40 शिक्षकों की मौत हो चुकी है। लेकिन राज्य सरकार ने हड़ताल के समाधान के लिए शिक्षक संघों से वार्ता करने की पहल नहीं की गई है। जो राज्य सरकार की असंवेदनहीनता एवं राष्ट्र निर्माता कहे जाने वाले शिक्षकों का घोर अपमान है। कोरोना वैश्विक महामारी में टीईटी शिक्षक सोशल मीडिया के माध्यम से लॉकडाउन के निर्देशों का पालन करने एवं सोशल डिस्टेंसिंग का सभी प्रखंडों में जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। जब तक राज्य सरकार टीईटी शिक्षकों को सहायक शिक्षक घोषित नहीं करेगी तब तक हड़ताल जारी रहेगा।

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