चेन्नई। कोरोना की दूसरी लहर में अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों की मदद करने के लिए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने घोषणा की है कि अनाथ बच्चों या जिनके माता-पिता में से किसी एक की मौत कोरोना की वजह से हुई है, उन्हें सरकार पांच लाख रुपये की सहायता देगी। इसके साथ ही राज्य सरकार ग्रेजुएशन तक उनकी शिक्षा का सारा खर्च भी उठाएगी। एक आधिकारिक ने बताया कि जिन बच्चों के माता-पिता कोरोना के दौरान दम तोड़ चुके हैं, उनकी पहचान करने और उन्हें सभी जरूरी मदद पहुंचाने के लिए जिला कलेक्टर के नेतृत्व में एक स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया गया है। बता दें कि वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के परामर्श के बाद ये फैसला लिया गया है। विज्ञप्ति के मुताबिक,कोरोना से मरने वाले व्यक्तियों के बच्चों को 5 लाख रुपये दिए जाएंगे। बता दें कि 18 साल की आयु होने पर बच्चों को ब्याज सहित पूरी राशि दे दी जाएगी। इसके साथ ही उन बच्चों के नाम पर भी 5 लाख रुपये जमा किए जाएंगे पहले ही अपने माता-पिता को खो दिया है। इसके अलावा उन्हें सरकारी घरों और छात्रावासों में रहने की सुविधा उपलब्ध कराने में प्राथमिकता दी जाएगी। इसतरह के बच्चों की देखभाल के लिए 18 वर्ष की आयु तक 3,000 रुपये का मासिक भत्ता प्रदान किया जाएगा, जिनकी देखभाल रिश्तेदार या अभिभावक कर रहे हैं।