लंदन। ब्रिटेन में पिछले हफ्तों में कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन तेजी से फैलने के बाद दुनियाभर में चिंता बढ़ गई है। हालांकि, पब्लिक हेल्थ संस्था के एक अध्ययन में सामने आया है कि पुराने के मुकाबले नए स्ट्रेन का प्रसार तो तेजी से हुआ लेकिन यह जानलेवा नहीं है। इसकी तुलना में पुराने प्रकार के कोरोना वायरस की वजह से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि नए स्ट्रेन को लेकर परेशान होने वाली बात नहीं है, यह भले पुराने स्ट्रेन की तुलना में ज्यादा संक्रामक है, लेकिन जानलेवा नहीं है। ब्रिटेन की पब्लिक हेल्थ संस्था द्वारा 3600 मरीजों पर यह अध्ययन किया गया है। इसमें दोनों स्ट्रेन के 1800-1800 मरीज लिए गए थे, लेकिन इसमें से केवल 42 मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। इनमें से 26 मरीज पुराने स्ट्रेन के थे और 16 मरीज नए स्ट्रेन के मरीज थे। इससे पता चलता है कि नए स्ट्रेन से पीड़ित मरीजों में सीवियरिटी कम है, इसलिए उन्हें एडमिट भी कम होना पड़ा। जबकि पुराने वाले में यह ज्यादा पाया गया।
पुराने स्ट्रेन के 26 मरीजों में से 12 की मौत हो गई और नए स्ट्रेन के 16 मरीज में से 10 की मौत हो गई। यहां पर यह देखा गया कि नए स्ट्रेन की तुलना में पुराने स्ट्रेन से पीड़ित मरीजों की ज्यादा मौतें हुईं। इससे साफ होता है कि नया स्ट्रेन जानलेवा भी कम है। इसलिए नए स्ट्रेन को लेकर पैनिक होने वाली बात नहीं है। हां, इस स्टडी में पाया गया कि पुराने की तुलना में नया स्ट्रेन ज्यादा संक्रामक है, लेकिन यह न तो सीवियर ज्यादा है और न ही जानलेवा।

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