दिल्ली उच्च न्यायालय में सोमवार को एक जनहित याचिका दाखिल कर कोरोना वायरस की रिपोर्टिंग करने वाले मीडियाकर्मियों को चिकित्सा बीमा मुहैया कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। वकील अर्पित भार्गव ने त्वरित सुनवाई के लिए उच्च न्यायालय के संयुक्त रजिस्ट्रार से अनुरोध किया। संयुक्त रजिस्ट्रार ने कहा कि कोरोना वायरस पर नियंत्रण के लिए मौजूदा लॉकडाउन में ढील के बाद इसे सुनवाई के लिए रखा जाएगा। याचिका में केंद्र सरकार से अनुबंध या स्थायी आधार पर काम करने वाले प्रत्येक पत्रकारों, संवाददाताओं और अन्य मीडिया कर्मियों में प्रत्येक को कम से कम 50 लाख रुपये का चिकित्सा या जीवन बीमा मुहैया कराने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के बारे में सही जानकारी प्रसारित करने और लोगों को सूचनाओं से वाकिफ कराने के लिए सरकार ने मीडिया कर्मियों को लॉकडाउन से छूट प्रदान की है और वे अपनी जान की परवाह किए बिना लगातार काम कर रहे हैं । याचिका में कहा गया,‘‘ इसलिए संकट के इस वक्त जब देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं मीडियाकर्मियों का कल्याण, सुरक्षा महत्वपूर्ण है।’’ इसमें कहा गया है कि संकट के इस समय केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के योगदान को माना है और उनकी सराहना करते हुए स्वास्थ्यकर्मियों के लिए बीमा की घोषणा की गयी है । याचिका में कहा गया कि आश्चर्य है कि इससे मीडियाकर्मी वंचित रखे गए जबकि देश के प्रधानमंत्री ने भी मीडियाकर्मियों के प्रयासों को माना है।

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