राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस से हो रही मौतों के सरकारी आंकड़े क्या सही नहीं हैं? ऐसा इसलिए क्योंकि 3 अप्रैल से आज तक निगमबोध घाट पर 155 से अधिक शव आ चुके हैं। पंजाबी बाग में 72 मृतकों का अंतिम संस्कार किया गया है और आईटीओ कब्रिस्तान में 95 शव दफन किए गए हैं। किन्तु दिल्ली की केजरीवाल सरकार के आंकड़े रविवार यानी 10 मई तक दिल्ली में कोरोना से कुल मौत 73 बता रहे हैं।
कोरोना से मौतों के आंकड़े को लेकर भाजपा कपिल मिश्रा का कहना है कि आप सरकार डाटा छिपा रही है और असल में 300 से अधिक मौतें कोरोना के चलते हुई हैं। उन्होंने कहा कि, दिल्ली के निगम बोध घाट, पंजाबी बाग और आईटीओ में बड़ी संख्या में शवों का अंतिम संस्कार हो रहा है। निगम बोध घाट पर 3 सीएनजी सिस्टम लगे हैं।एक शव के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में 2 घंटे लगते हैं, जबकि यहां शवों के आने का सिलसिला रुकता ही नहीं। ऐसे में एक-एक व्यक्ति को 2 से 3 घंटे अपने परिवार वाले के अंतिम संस्कार के लिए प्रतीक्षा करना पड़ता है।
दूसरी ओर दिल्ली सरकार डाटा में इस बड़े अंतर का ठीकरा अस्पतालों के सिर मढ़ रही है। यही नहीं, PPE किट को लेकर भी समस्या आ रही है। सरकारी अस्पतालों से आने वाले लोगों के पास PPE नहीं होती और निगम बोध घाट पर ऐसे लोग नहीं होते जो ऐसे शव को हाथ लगाए जो कि कोरोना संक्रमित होकर आया है। ऐसे में आखिरी समय में व्यक्ति पहले पीपीई का बंदोबस्त करता है और उसके बाद कंधा देने वाले हाथों की व्यवस्था करना दूसरी बड़ी चुनौती हो जाती है।